नयी दिल्ली, 21 जुलाई अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन करने के बाद विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अब सत्ताधारी कांग्रेस को टक्कर देने के लिए दो वाम दलों को साथ लेकर गठबंधन को व्यापक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
शिअद ने केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपने एक दशक पुराने गठबंधन को तोड़ने के कुछ महीनों बाद जून में बसपा के साथ गठबंधन की घोषणा की थी।
शिअद के सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने महागठबंधन बनाने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेताओं के साथ बैठकें की है। संपर्क किए जाने पर माकपा की पंजाब इकाई के सचिव सुखविंदर सिंह सेखों ने कहा कि शिअद नेताओं ने उनसे मुलाकात की है लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है।
सेखों ने कहा कि कुछ मुद्दे हैं जिन पर और चर्चा की जरूरत है, इसके बाद गठबंधन के बारे में स्पष्ट तस्वीर सामने आ सकती है।
शिअद और माकपा ने 1967 में गठबंधन किया था और पंजाब में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई थी। कम्युनिस्ट दिग्गज हरकिशन सिंह सुरजीत ने उस सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
शिअद और बसपा 25 साल के अंतराल के बाद एक साथ आए हैं। उन्होंने 1996 का लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा था और गठबंधन ने पंजाब की 13 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की थी।
वर्ष 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में शिअद ने अपना सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में सिर्फ 15 सीटें जीती थीं।
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