नयी दिल्ली, छह जनवरी पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार अपराह्न करीब तीन बजे उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति से मुलाकात करेगा।
प्रदर्शनकारी किसानों में 70 वर्षीय जगजीत सिंह डल्लेवाल भी शामिल हैं, जो पिछले 40 दिनों से आमरण अनशन पर हैं और जिनकी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण पंजाब सरकार सतर्क है तथा शीर्ष अदालत उन पर कड़ी नजर रख रही है।
पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ को सूचित किया कि वे प्रदर्शनकारी किसानों को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) नवाब सिंह से मिलने के लिए राजी करने में कामयाब रहे हैं, जो समिति के अध्यक्ष हैं।
सिब्बल ने कहा, ‘‘हम उन्हें मनाने में कामयाब हो गए हैं। कृपया मामले को किसी और दिन के लिए टाल दें। हमें कुछ सफलता की उम्मीद है।’’
इस पर पीठ ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि सभी को सद्बुद्धि आएगी।’’
शीर्ष अदालत ने सिब्बल से विचार-विमर्श को लेकर संक्षिप्त नोट तैयार करने को कहा और सुनवाई 10 जनवरी के लिए स्थगित कर दी।
केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि समिति बैठक के परिणाम पर एक संक्षिप्त नोट दाखिल करेगी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने इससे सहमति जताते हुए कहा कि उम्मीद है कि समिति एक नोट दाखिल करेगी।
फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव डालने के उद्देश्य से डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं।
उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा दी गई चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया। इसके कारण उनकी हालत बिगड़ गई, उन्हें चक्कर आने लगे, उल्टी होने लगी और वे बोलने में भी असमर्थ हो गए।
प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली कूच से रोके जाने के बाद से संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 फरवरी, 2024 से डेरा डाले हुए हैं।
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