ताजा खबरें | पीएम-किसान योजना के दायरे में बंटाईदार किसानों को लाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं : सरकार

नयी दिल्ली, छह दिसंबर सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि पीएम-किसान योजना के दायरे में बंटाईदार किसानों को लाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है तथा इस योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों से 335 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है।

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीएम-किसान योजना केंद्रीय योजना है जिसे भूमि-धारक किसानों की वितीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फरवरी 2019 में आरम्भ किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, इस योजना की पहुंच बंटाईदार किसानों तक बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत, देशभर के किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) तरीके से हर चार महीने के अंतराल पर तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ दिया जाता है। पीएम-किसान योजना दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है।

ठाकुर ने कहा कि किसान-केंद्रित डिजिटल प्रणाली ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना का लाभ देशभर के सभी किसानों तक बिना किसी बिचौलियों की भागीदारी के पहुंचे। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए, भारत सरकार ने अब तक 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ वितरण किया है।

उन्होंने कहा कि संबंधित राज्य सरकारों द्वारा आयकरदाता, उच्च आय वर्ग, सरकारी कर्मचारी आदि के कारण चिह्नित अपात्र किसानों से वसूली शुरू कर दी गई है तथा देशभर में अब तक ऐसे अपात्र लाभार्थियों से कुल 335 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है।

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