
नागपुर, 18 मार्च : महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हिंसा के बीच निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. हंसपुरी इलाके में एक और झड़प के बाद यह निर्णय लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र सिंघल ने बताया कि शहर में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (मजिस्ट्रेट को तुरंत प्रभाव से मामलों में तत्काल निवारक आदेश जारी करने का अधिकार देना, ताकि बाधा, मानव जीवन को खतरा, अशांति या दंगे को रोका जा सके, और इसे व्यक्तियों, विशिष्ट क्षेत्रों या आम जनता पर निर्देशित किया जा सकता है) लागू कर दी गई है.
अधिकारियों ने कहा कि सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान धर्मग्रंथ जलाया गया है. इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया जिससे छह आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस के अनुसार, पुराने भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच एक और झड़प हुई. अनियंत्रित भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और इलाके में घरों तथा एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की. यह भी पढ़ें : Nagpur Violence: नागपुर हिंसा पर CM फडणवीस की नजर, पुलिस को सख्ती से निपटने का दिया निर्देश
हंसपुरी इलाके के निवासी शरद गुप्ता (50) के घर के सामने खड़े चार दोपहिया वाहनों को जला दिया गया. शरद ने बताया कि रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच भीड़ ने हमला बोल दिया, पथराव किया और वाहनों में आगजनी की. गुप्ता हमले में घायल हो गए और उन्होंने बताया कि भीड़ ने एक पड़ोसी की दुकान में भी तोड़फोड़ की. उन्होंने कहा कि पुलिस एक घंटे बाद पहुंची. गुस्साए निवासियों ने भीड़ के खिलाफ तत्काल पुलिस कार्रवाई की मांग की. ‘पीटीआई-’ के एक संवाददाता ने रात एक बजकर 20 मिनट पर एक दंपति को अपना घर बंद कर आसपास सुरक्षित स्थान पर जाते देखा.