नयी दिल्ली, 18 दिसंबर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक पर विचार करने के लिए गठित होने वाली संसद की संयुक्त समिति में कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी वाद्रा और मनीष तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी तथा शिवसेना से श्रीकांत शिंदे बतौर सदस्य शामिल किए जा सकते हैं।
दोनों सदनों में संख्याबल के हिसाब से इस समिति में भाजपा के सर्वाधिक सदस्य होंगे, हालांकि पार्टी अपने सदस्यों के नामों को लेकर अभी कुछ नहीं कहा है। ऐसी अटकले हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्रियों रविशंकर प्रसाद और अनुराग ठाकुर के नामों पर विचार किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा की शिवसेना के लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे और जनता दल (यूनाइटेड) के राज्यसभा सदस्य संजय झा इस समिति के सदस्य हो सकते हैं।
माना जा रहा है कि इस समिति लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य शामिल होंगे।
सूत्रों ने बताया कि अधिकतर दलों ने सरकार को अपनी तरफ के सदस्यों के नामों से अवगत करा दिया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समिति के सदस्यों और प्रमुख के नामों पर अंतिम निर्णय लेंगे।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के लोकसभा सदस्य सुखदेव भगत और राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला संसद की संयुक्त समिति में शामिल किए जा सकते हैं।
टीएमसी सांसद साकेत गोखले और द्रमुक के टीएम सेल्वागणपति के भी समिति में शामिल होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने कहा कि पीपी चौधरी को समिति का हिस्सा बनाने पर विचार किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा की प्रमुख सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी से या तो लावु श्री कृष्ण देवरायलु या जीएम हरीश बालयोगी के इस समिति में होने की संभावना है।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को निचले सदन में पुर:स्थापित करने के लिए रखा, जिनका विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया।
सदन में मत विभाजन के बाद विधेयक को पुर:स्थापित कर दिया गया। विधेयक पेश किए जाने के पक्ष में 263 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े।
इसके बाद मेघवाल ने ध्वनिमत से मिली सदन की सहमति के उपरांत ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को भी पेश किया।
विपक्षी दलों ने विधेयक को संविधान के मूल ढांचे और संघवाद पर हमला बताया है।
हक
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