नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर दिल्ली के कारागार विभाग ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी की सरकार से दोषियों को दी गई आपात पैरोल की अवधि एक महीने और बढ़ाने का अनुरोध किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
गृह विभाग को भेजे पत्र में कारागार विभाग ने कहा कि महामारी की मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए आपात पैरोल देने पर विचार किया जाना चाहिए।
अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा समय में 4,250 कैदी अंतरिम जमानत पर है। उनमें से 3,100 विचाराधीन हैं जबकि 1,150 दोषी हैं जिन्हें आपात पैरोल पर रिहा किया गया है। वे जेलों में भीड़ कम करने के कारागार विभाग के कदम के तहत बाहर हैं।
एक वरिष्ठ कारागार अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने दोषियों के आपात पैरोल को एक महीना और बढ़ाने के लिए सरकार को पत्र लिखा है।’’
दिल्ली की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं। मार्च महीने में भीड़ कम करने का अभियान शुरू करते वक्त यहां की जेलों में क्षमता के मुकाबले 180 प्रतिशत कैदी थे। दिल्ली की तीन जेलों में 10 हजार कैदियों को रखने की क्षमता है जबकि 18 हजार कैदी बंद हैं।
हालांकि, भीड़ कम करने के अभियान के बाद जेलों में कैदियों की संख्या घटकर 13 हजार रह गई। अधिकारी ने कहा कि दिल्ली का गृह विभाग पैरोल की अवधि बढ़ाने का फैसला ले सकता है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने की वजह से संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी सामाजिक दूरी का पालन बहुत मुश्किल है।
हाल में दिल्ली में जेलों में 260 कैदी और कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।
जेल अधिकारियों द्वारा 13 सितंबर को साझा की गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली की जेलों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 25 हो गई है जिनमें से 20 जेल कर्मी हैं।
दिल्ली के पुलिस महानिदेशक (कारागार) संदीप गोयल भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और इस समय पृथकवास में हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)