National Panchayati Raj Day: पीएम नरेंद्र मोदी ‘स्वामित्व योजना’ के तहत ई-संपत्ति कार्डों के वितरण का करेंगे शुभारंभ
पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credits: DD News)

नई  दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शनिवार को राष्ट्रीय पंचायत दिवस (National Panchayati Raj Day) के अवसर पर ‘स्वामित्व योजना’ के तहत ई-संपत्ति कार्डों के वितरण का शुभारम्भ करेंगे. Tika Utsav पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- ये कोरोना के खिलाफ दूसरी बड़ी जंग की शुरुआत है

प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) की उपस्थिति में इस मौके पर चार लाख से अधिक संपत्ति मालिकों को उनके ई-संपत्ति कार्ड दिए जाएंगे. बयान में कहा गया, ‘‘इसके साथ ही देश भर में स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन की शुरुआत हो जाएगी.’’

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 भी प्रदान करेंगे. इसके तहत 224 पंचायतों को दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, 30 ग्राम पंचायतों को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार, 29 ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार, 30 ग्राम पंचायतों को बच्चों के अनुकूल ग्राम पंचायत पुरस्कार और 12 राज्यों को ई-पंचायत पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.

बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री एक बटन पर क्लिक के माध्यम से, 5 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक पुरस्कार धनराशि (अनुदान सहायता के रूप में) हस्तांतरित करेंगे.

बयान के मुताबिक यह धनराशि रियल टाइम आधार पर पंचायतों के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित होगी और ऐसा पहली बार किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री द्वारा सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने के लिए एक केन्द्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में पिछले साल 24 अप्रैल को स्वामित्व का शुभारम्भ किया गया था.

इस योजना में गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ मानचित्रण किया जाता है. इस योजना में मानचित्रण और सर्वेक्षण की आधुनिक तकनीक साधनों के इस्तेमाल से ग्रामीण भारत में बदलाव की क्षमता है.

इस योजना में 2021-2025 के दौरान पूरे देश में लगभग 6.62 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा. योजना के पायलट चरण को महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और पंजाब व राजस्थान के चुनिंदा गांवों में 2020-21 के दौरान लागू किया गया था.

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