नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा का विमोचन करेंगे और ‘प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ का नाम बदलकर 'लोकनेते डॉ बालासाहेब विखे पाटिल प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी' रखेंगे।
उनके कार्यालय ने यह जानकारी दी।
पाटिल कई बार लोकसभा के सदस्य रहे और 2016 में 84 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि पाटिल की आत्मकथा का नाम 'देह वीचवा करणी' (अपना जीवन किसी नेक काम के लिए समर्पित करना) है और यह उपयुक्त शीर्षक है क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन कृषि और सहकारिता सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनोखे कार्य के जरिए समाज के लाभ के लिए समर्पित कर दिया।
‘प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ की स्थापना 1964 में अहमदनगर जिले के लोनी में की गई थी। इसका मकसद ग्रामीण जनता को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना और बालिकाओं को सशक्त बनाना था।
यह संस्था छात्रों के शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास के मुख्य मिशन के साथ काम कर रहा है।
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