नयी दिल्ली, 24 अगस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई ‘बायोई3’ नीति को एक ऐतिहासिक पहल बताया और कहा कि यह आने वाले समय में वैज्ञानिक, औद्योगिक और सामाजिक प्रगति को प्रोत्साहित करेगी।
मंत्रिमंडल ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के उच्च-प्रदर्शन जैव-विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘बायोई3’ (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति को मंजूरी दे दी।
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह नीति विषयगत क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास और उद्यमिता के लिए नवाचार-संचालित समर्थन की बात करती है।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कैबिनेट द्वारा मंजूर की गई बायोई3 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति एक ऐतिहासिक पहल है जो उच्च प्रदर्शन जैव-विनिर्माण को बढ़ावा देगी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इससे आने वाले समय में वैज्ञानिक, औद्योगिक और सामाजिक प्रगति को भी बढ़ावा मिलेगा। अन्य लाभों में पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन शामिल हैं।’’
मोदी ने विज्ञान धारा योजना की भी सराहना की और कहा कि यह युवाओं के बीच नवाचार एवं वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘विज्ञान धारा युवाओं के बीच नवाचार और वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगी। यह भारत को अनुसंधान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता बनने के लिए प्रेरित करेगी।’’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की तीन व्यापक योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दे दी जिनका विलय कर ‘विज्ञान धारा’ नाम से एकीकृत केंद्रीय क्षेत्र योजना बना दी गई है।
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि 15वें वित्त आयोग की 2021-22 से 2025-26 की अवधि के दौरान विज्ञान धारा के लिए प्रस्तावित परिव्यय 10,579 करोड़ रुपये है।
इस योजना के तीन व्यापक घटक हैं जिनमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थागत और मानव क्षमता निर्माण; अनुसंधान और विकास तथा नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास एवं तैनाती शामिल हैं।
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