बेंगलुरु, 1 जनवरी : कर्नाटक के बीदर में एक ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा मंत्री प्रियांक खरगे के इस्तीफे की मांग के बीच प्रदेश के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बुधवार को पुलिस विभाग का हवाला देते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया इस मामले में कांग्रेस नेता की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि सीआईडी की जांच रिपोर्ट से सच्चाई सामने आ जाएगी. ठेकेदार ने सात पन्नों का एक नोट छोड़ा था, जिसमें उसने एक व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगाए हैं, जो खरगे का सहयोगी बताया जा रहा है. भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से प्रियांक खरगे को तत्काल इस्तीफा दिलाने की मांग की और मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए चार जनवरी की समयसीमा तय की.
पार्टी ने ऐसा न करने पर कलबुर्गी में एक बड़ी रैली आयोजित करने के बाद मंत्री के आवास का घेराव करने की धमकी दी है. परमेश्वर ने एक सवाल का जवाब देते हुए संवाददाताओं को बताया, “ प्रियांक खरगे ने खुद स्पष्ट किया है कि उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं है. हमने सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं. देखते हैं जांच में क्या आता है. हमारा विभाग भी कह रहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि खड़गे की कोई भूमिका नहीं है. जांच रिपोर्ट आने दीजिए. हमें पता लगाने दीजिए.” ठेकेदार सचिन मोनप्पा पंचाल (26) ने 26 जनवरी को ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी थी. यह भी पढ़ें : पुजारियों को मानदेय देने की आप की घोषणा के लिए भाजपा ने साधा केजरीवाल पर निशाना
उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि खरगे के करीबी सहयोगी राजू कपनूर ने ठेका देने के लिए एक करोड़ रुपये की मांग करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी. सुसाइड नोट में सात अन्य लोगों पर 15 लाख रुपये की रिश्वत लेने के बावजूद उसे (पंचाल) ठेका न देकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है. सुसाइड नोट के आधार पर विधायक बसवराज मट्टीमाडु सहित भाजपा के कुछ नेताओं की हत्या की कथित साजिश रचने के लिए शनिवार को कलबुर्गी में कपनूर और कांग्रेस के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.