विदेश की खबरें | फ्रांस के राष्टूपति ने इराकी शहर मोसुल की यात्रा की

मैक्रों ने कैथोलिक चर्च आर लेडी ऑफ दी आवर चर्च जाने के साथ अपनी मोसूल यात्रा शुरू की। उनके स्वागत में सफेद कपड़े पहने बच्चों ने हाथों में इराक और फ्रांस के झंडे लिये हुए थे और गाना गा रहे थे।

आईएस के इस्लामिक शासन के दौरान यह गिरजाघर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। देश में आईएस का शासन 2017 से 2017 तक था।

यह वही गिरजाघर है जहां पोप फ्रांसिस ने मार्च में इराक यात्रा के दौरान विशेष प्रार्थना की थी । अपनी यात्रा के दौरान पोप फ्रांसिस ने इराक के ईसाइयों से मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा उनके साथ की गयी नाइंसाफी को माफ करने एवं देश के निर्माण में हाथ बंटाने का आह्वान किया था।

गिरजाघर में कड़ी सुरक्षा के बीच घूमने के दौरान मैक्रो को वहां के पादरी ने 19 वीं सदी में बनाये गये इस धर्मस्थल के बारे में बताया। उसकी दीवारों पर गोलियों के निशान अब भी नजर आ रहे थे।

इराकी पादरी रईद अब्दुल ने मैक्रों से कहा, ‘‘ हमें आशा है कि फ्रांस मोसूल में वाणिज्य दूतावास खोलेगा।’’ उन्होंने राष्ट्रपति से मोसुल के हवाई अड्डे के पुनर्निर्माण में मदद करने का भी आह्वान किया।

मैक्रों उसके बाद मोसूल की ऐतिहासिक अल-नूरी मस्जिद गये जिसे 2017 में आईएस के साथ लड़ाई के दौरान उड़ा दिया था और बाद में उसका पुनर्निर्माण कराया गया।

यह वही मस्जिद है जहां से आईएस के स्वयंभू खलीफा अबू बकर अल बगदादी ने 2014 में खिलाफत की स्थापना की घोषणा की थी।

मैक्रों शनिवार तड़के बगदाद पहुंचे थे जहां उन्होंने मध्य पूर्व में तनाव घटाने पर केंद्रित सम्मेलन में हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा कि अमेरिका भले ही जो कदम उठाए लेकिन फ्रांसीसी सैनिक तब तक इराक में रहेंगे जब तक इराक सरकार चाहेगी।

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