रायपुर, 15 अप्रैल छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिये नमूनों की जांच में तेजी लाने के वास्ते ‘पूल टेस्टिंग’ विधि का सहारा लेगी। इससे अधिक संख्या में जांच करने में सहायता मिलेगी।
इस प्रक्रिया में एक ही जांच में पांच नमूनों की जांच की जाती है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बुधवार को बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से कोविड-19 जांच की संख्या बढ़ाने के लिए ‘पूल टेस्टिंग’ विधि की अनुमति मांगी गई थी। राज्य को अनुमति मिल गई है और अब यहां अधिक से अधिक लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की जा सकेगी।
सिंहदेव ने बताया कि राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और डॉक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल में यह जांच की जाएगी। इसे जगदलपुर में भी शुरू करने की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस इस विधि में अधिक से अधिक लोगों के नमूनों की जांच हो जाती है तथा खर्च भी कम आता है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक ने इस संबंध में बताया कि राज्य के वैज्ञानिकों ने आईसीएमआर से कोरोना वायरस संक्रमण के लिए पूल टेस्टिंग के लिए विस्तृत तकनीकी दिशा-निर्देश मांगा है।
सचिव ने बताया कि हमारे वैज्ञानिकों ने इस संबंध में आईसीएमआर से विस्तृत तकनीकी दिशानिर्देश मांगे हैं। जैसे ही यह दिशानिर्देश हमें मिलेगा हम राज्य में एक या दो दिन में इसकी प्रक्रिया शुरू कर देंगे।
उन्होंने कहा कि इस विधि से न केवल जांच किट की संख्या में कमी आएगी बल्कि कम समय में अधिक से अधिक लोगों की जांच भी की जा सकेगी।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य में अब तक 4821 नमूनों में से 33 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि 4319 लोगों के रिपोर्ट नेगेटिव आए हैं। 469 नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है।
राज्य में कोविड- 19 के कुल रोगियों में से 13 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में 75,837 व्यक्ति घर पर पृथकवास में हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जिन्होंने विदेश यात्रा की थी या कोरोना वायरस से प्रभावित राज्यों से आए थे।
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