पोर्ट ब्लेयर, 15 अप्रैल अंडमान निकोबार प्रशासन ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई के तहत कम जांच किट से अधिक लोगों का परीक्षण करने के लिए ‘‘पूल टेस्टिंग’’ पद्धति को अपनाने का फैसला किया है।
एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि इससे उपलब्ध सीमित संसाधन का दक्षता से इस्तेमाल सुनिश्चित होगा।
केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव चेतन बी सांघी ने हाल में ट्वीट किया, ‘‘ अंडमान निकोबार में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कम के साथ अधिक करना महत्वपूण है। हम ‘‘पूल सैम्पल्स’’ (कई नमूनों को मिलाकर जांच) करेंगे ताकि एक चौथाई जांच किट का ही इस्तेमाल हो।’’
अधिकारी ने बताया कि देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जांच की संख्या को बढ़ाने के लिए ‘‘पूल नमूनों’’ की संभावना पर काम करने की सलाह दी थी।
भारत के शीर्ष अनुसंधान संस्थान ने कहा कि भारत में कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि के मद्देनजर प्रयोगशालाओं द्वारा जांच की संख्या बढ़ाना अहम है।
अधिकारी ने बताया कि वास्तविक समय में कोरोना वायरस की जांच के लिए कई नमूनों को मिलाकर जांच करने की अनुशंसा उन इलाकों के लिए की गई है जहां पर कोविड-19 मरीजों की मिलने की बहुत कम संभावना है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा, ‘‘अंडमान निकोबार द्वीपसमूह पर कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में स्वास्थ्य प्रशासन के लिए जरूरी है कि वह उपलब्ध संसाधनों के जरिये कोविड-19 को फैलने से रोके जिसके चलते लॉकडाउन लागू किया गया है।’’
अंडमान निकोबार में कोरोना वायरस से संक्रमण के 11 मामले सामने आए थे जिनमें से 10 संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
अधिकारी ने बताया कि शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि पूल टेस्टिंग आर्थिक रूप से भी लाभदायक है जो किसी इलाके की संक्रमण के संदर्भ में स्पष्ट तस्वीर पेश करता है।
इस नयी पद्धति में कई नमूनों को एक साथ मिलाकर जांच की जाती है और अगर उसमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होती है तब उन सभी व्यक्तियों की अलग-अलग जांच की जाती हैं जिनके नमूने मिलाकर संयुक्त जांच की गई थी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया, ‘‘एक किट से पांच नमूनों की जांच होती है। इस प्रकार 100 नमूनों की जांच के लिए 25 किट की जरूरत होती है।’’
इस बीच, केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने राजधानी पोर्ट ब्लेयर के अटलांटा प्वाइंट, मोहनपुरा मस्जिद और बिग्गीलाइन इलाके को अत्यधिक संक्रमित क्षेत्र घोषित किया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
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