बैंक ऑफ इंग्लैंड ने बृहस्पतिवार को नीतिगत दर को 5.25 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया। यह ब्याज दर का 15 साल का उच्चस्तर है और इस स्तर पर यह पिछले अगस्त से ही बनी हुई है।
ब्रिटेन में करीब दो साल से ब्याज दर में तेजी रहने से मुद्रास्फीति को चार दशक के उच्चस्तर 11 प्रतिशत से नीचे लाने में मदद मिली है। हालांकि, ब्रिटेन की आर्थिक वृद्धि पर ऊंची ब्याज दरों ने नकारात्मक असर डाला है।
एक दिन पहले आए आंकड़ों के मुताबिक ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में अक्टूबर के दौरान 0.3 प्रतिशत की मासिक गिरावट आई है। इसने निकट अवधि में वृद्धि परिदृश्य को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने भी बुधवार को अपनी नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने भी रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया है।
एपी प्रेम
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