लखनऊ/अलीगढ़, 24 सितंबर अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट की जांच कर रही उत्तर प्रदेश एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) ने शुक्रवार को एक मोबाइल नंबर और ईमेल जारी कर लोगों से गिरफ्तार किए गए मौलाना कलीम सिद्दीकी और उमर गौतम से संबंधित कोई भी जानकारी साझा करने के लिये कहा है ।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ''अदालत के आदेश के बाद, एटीएस ने शुक्रवार को सिद्दीकी को 10 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में लिया है । हमने लोगों को सिद्दीकी और गौतम तथा उनके साथियों और उनके परिवार के सदस्यों, चल, अचल संपत्ति आदि के बारे में कोई भी जानकारी साझा करने के लिए कहा है । इसके लिये मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जारी किये गये है।''
उन्होंने कहा कि सूचना ऑडियो, वीडियो या दस्तावेजों के रूप में हो सकती है।
इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को मंगलवार को "धर्मांतरण सिंडिकेट" चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया ।
मेरठ के जाने-माने इस्लामिक विद्वान सिद्दीकी को दिल्ली के जामिया नगर निवासी मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के तीन महीने बाद पकड़ा किया गया ।
एटीएस अब तक सिद्दीकी समेत 11 लोगों को धर्मांतरण रैकेट के सिलसिले में गिरफ्तार कर चुकी है । अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों पर उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2020 और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच अलीगढ़ में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने सिद्दीकी की गिरफ्तारी के विरोध में परिसर में मौन जुलूस निकाला ।
प्रदर्शनकारियों ने बाब ए सर सैयद द्वार तक जुलूस निकाला और भारत के राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि कथित गैरकानूनी धर्मांतरण के आरोप में कुछ मौलवियों की गिरफ्तारी और "नागरिकता के मुद्दे पर असम में मुसलमानों का उत्पीड़न और निष्कासन मन में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रहा हैं ।"
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)