देश की खबरें | पत्रकार राजीव शर्मा के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई ‘अधिकारों का दुरुपयोग’ : पीसीआई
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 19 सितंबर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने दिल्ली पुलिस द्वारा फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा की गिरफ्तारी को ‘शक्ति का बेजा इस्तेमाल’ बताया और आरोप लगाया कि बिना सोचे-समझे यह कार्रवाई की गयी है।

दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि शर्मा भारत की सीमा रणनीति और सैन्य तैनाती और खरीद के बारे में कथित तौर पर संवेदनशील सूचनाएं चीन की खुफिया एजेंसियों को दे रहे थे।

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शर्मा को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया।

एक बयान में पीसीआई ने देश में पत्रकारों की गिरफ्तारी के सभी मामलों की जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि ‘‘पुलिस को त्वरित आधार पर भारतीय प्रेस परिषद के साथ ही प्रसारण मीडिया के स्व नियामक निकाय को अवगत कराना चाहिए।’’

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पीसीआई ने कहा कि इस संबंध में उचित विवरण मुहैया कराना चाहिए।

पीसीआई ने कहा कि जाने-माने स्वतंत्र पत्रकार और क्लब के सदस्य राजीव शर्मा की गिरफ्तारी के बारे में सुनकर ताज्जुब हुआ ।

पीसीआई ने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए कि स्पेशल सेल का संदेहास्पद ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। आम तौर पर दिल्ली पुलिस का भी रिकॉर्ड भी बहुत सुनहरा नहीं रहा है। ’’

पीसीआई ने आरोप लगाया, ‘‘मीडिया को जारी पुलिस के बयान के आधार पर हमें यह कहते हुए जरा भी हिचकिचाहट नहीं हो रही कि पुलिस ने बिना सोचे-समझे कार्रवाई की है और शायद अस्पष्ट या संदिग्ध विचारों से प्रेरित होने के कारण ऐसा कदम उठाया गया।’’

पीसीआई ने ‘कश्मीर टाइम्स’ के वरिष्ठ पत्रकार इफ्तिकार गिलानी के मामले का हवाला दिया, जिन्हें कश्मीर में सेना की गतिविधियों की टोह लेने और तथाकथित आका तक सूचनाएं पहुंचाने के आरोप में 2002 में गिरफ्तार किया गया था।

पीसीआई ने कहा कि इसी तरह ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी के लिए लिखने वाले दिल्ली के एक पत्रकार को भी ईरानी खुफिया सेवा के लिए काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

पीसीआई ने कहा, ‘‘उनका परिवार दर-दर भटकता रहा। बाद में सब स्पष्ट हो गया कि मामला फर्जी था और पत्रकार को रिहा कर दिया गया।’’

पीसीआई के बयान में कहा गया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शोधार्थी कन्हैया कुमार, उमर खालिद तथा अन्य की गिरफ्तारी भी ‘‘राजनीतिक पक्षपात ’’के आधार पर की गयी।

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