विदेश की खबरें | पीएमएल-एन, पीपीपी ने बजट पर सत्तारूढ़ गठबंधन में मतभेदों को दूर करने के लिए बैठक की
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

इस्लामाबाद, 20 जून पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख नेता आम चुनाव से पहले गठबंधन सरकार के दो दलों के बीच मतभेद तेज होने की अफवाहों के बीच बजट पर अपनी असहमति को दूर करने के लिए बैठकें कर रहे हैं। मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई।

डॉन अखबार ने बताया कि पीएमएल-एन और पीपीपी द्वारा अपने ‘मतभेदों’ को सुलझाने के प्रयास में कुछ प्रगति हुई, लेकिन सोमवार को वे किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सके। दोनों पक्षों के मंगलवार को फिर से एक साथ बैठने की संभावना है।

सोमवार की बैठक में पीएमएल-एन पक्ष का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री इशाक डार, योजना मंत्री अहसान इकबाल और आर्थिक मामलों के मंत्री अयाज सादिक ने किया, जबकि पीपीपी प्रतिनिधिमंडल में सैयद खुर्शीद शाह, नवीद कमर और शेरी रहमान शामिल थे।

दोनों दलों के सूत्रों ने ‘डॉन’ को बताया कि प्रधानमंत्री आवास पर एक बैठक हुई थी, लेकिन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपीपी प्रतिनिधिमंडल ने पीएमएल-एन सदस्यों के समक्ष अपनी कुछ आपत्तियां रखीं और मांग की कि सिंध के बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शरीफ ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया था और प्रांत के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए आवश्यक धनराशि आवंटित करने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि बजट 2023-24 में हालांकि इस संबंध में कोई धनराशि निर्धारित नहीं की गई थी।

सूत्रों ने कहा कि सरकारी पक्ष बाढ़ पीड़ितों के लिए 25 अरब रुपये देने पर सहमत हो गया था, लेकिन निर्णय के लिए पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी की सहमति की आवश्यकता थी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीपीपी ने इस साल नवंबर में अपने निर्धारित समय पर आम चुनाव कराने की मांग की है।

वर्तमान नेशनल असेंबली 12 अगस्त को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और पाकिस्तान के संविधान के तहत निर्धारित 60 दिनों के भीतर नए आम चुनाव कराए जाने चाहिए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकारी पक्ष बैठक के परिणाम के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराएगा जबकि पीपीपी टीम अपने फैसले की जानकारी भुट्टो-जरदारी को देगी।

इस बीच पीपीपी अध्यक्ष ने उनकी पार्टी और पीएमएल-एन के बीच कोई “राजनीतिक मतभेद” होने से इनकार किया और उम्मीद जताई कि दोनों दलों की राजनीति ‘लोकतंत्र के घोषणापत्र’ के अनुसार आगे बढ़ेगी।

बिलावल ने कराची में मीडियाकर्मियों से कहा, “मुझे भविष्य में भी पीएमएल-एन के साथ कोई असहमति नहीं दिखती है।”

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