नयी दिल्ली, 17 फरवरी कांग्रेस ने अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर एक बार फिर प्रहार किया और कहा कि इस प्रकरण में सच सामने लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन जरूरी है।
मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी ‘चुप्पी’ तोड़नी चाहिए।
कांग्रेस ने इस विषय पर शुक्रवार को देश के 22 शहरों में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि ‘हम अडाणी के हैं कौन’ श्रृंखला में आज कांग्रेस प्रवक्ताओं ने देश के 22 शहरों में प्रेस वार्ता करके प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी आपको अपने मित्र पूंजीपतियों पर चुप्पी तोड़नी ही होगी।’’
रमेश ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के एक बयान की पृष्ठभूमि में यह भी कहा कि नेहरूवादी विरासत यह सुनिश्चित करती है कि सोरोस जैसे लोग भारतीय चुनावों के परिणाम तय नहीं कर सकते।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री से जुड़ा अडाणी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है। इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं है।’’
रमेश ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हमारी नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि उन जैसे लोग हमारे चुनाव परिणाम तय नहीं कर सकते।’’
उल्लेखनीय है कि सोरोस ने कहा है कि भारतीय व्यवसायी गौतम अडाणी के कारोबारी साम्राज्य में उथल-पुथल ने निवेश के अवसर के रूप में भारत में विश्वास को हिला दिया है और यह भारत में ‘‘लोकतांत्रिक पुनरुद्धार’’ के द्वार खोल सकता है।
कांग्रेस के नेताओं ने देश के अलग-अलग शहरों में संवाददाताओं से बातचीत कर सरकार पर प्रहार किया।
पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने अहमदाबाद में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने से क्यों ‘‘डर’’ रही है?
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