नयी दिल्ली, 26 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को देश की प्रगति में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्हें कृत्रिम मेधा (एआई) व मशीन लर्निंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल प्रदान करने के लिए भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।
वीर बाल दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से हो रहे बदलावों और चुनौतियों के अनुरूप खुद को ढालने की जरूरत पर जोर दिया और सरकार की "युवाओं पर केंद्रित" नीतियों का उल्लेख किया।
संविधान लागू हुए 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मोदी ने कहा कि संविधान का समानता का सिद्धांत उन गुरुओं की शिक्षाओं के अनुरूप है, जिन्होंने सभी के कल्याण का समर्थन किया।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्रतिभाशाली युवाओं को समर्थन व प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, “यह युग मशीनों से आगे बढ़कर मशीन लर्निंग तक पहुंच गया है। एआई केंद्र में आ गया है और हम देख सकते हैं कि इसका अनुप्रयोग पारंपरिक सॉफ्टवेयर की जगह ले रहा है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना आवश्यक है।”
उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम करें, चाहे वह रेलवे हो, सेमीकंडक्टर हो, यात्रा हो या खगोल विज्ञान का क्षेत्र हो।
वीर बाल दिवस समारोह में मोदी ने गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों, साहिबजादों के “अद्वितीय” बलिदान को याद किया और कहा कि उन्होंने “मुगल साम्राज्य के उत्पीड़न के आगे समर्पण करने के बजाय अटूट साहस और विश्वास” को चुना।
उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस एक स्थायी सबक सिखाता है कि “चाहे परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों, राष्ट्र हित से बढ़कर कुछ भी नहीं है। राष्ट्र हित में किया गया प्रत्येक कार्य वीरता का कार्य है।”
उन्होंने युवाओं से उनकी विरासत से प्रेरणा लेने का आग्रह करते हुए कहा, “300 साल से भी अधिक पहले, 26 दिसंबर को, साहिबजादों ने अपनी कम आयु के बावजूद अद्वितीय वीरता दिखाकर प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने हर प्रलोभन को अस्वीकार कर दिया और अकल्पनीय यातनाएं सहन कीं, उन्होंने दिखाया कि उनके लिए राष्ट्र हित सर्वोपरि है।"
उन्होंने कहा कि भारत का मजबूत लोकतंत्र साहिबजादों की बहादुरी और बलिदान पर आधारित है।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई छोटा या बड़ा नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि यह सिद्धांत हमारे गुरुओं की शिक्षाओं के अनुरूप है, जिन्होंने सभी के कल्याण पर जोर दिया।
मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं से भी बातचीत की। 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 17 बच्चों को कला व संस्कृति, वीरता, नवाचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, खेल और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में उनके असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए मोदी ने कहा, "इन बच्चों ने दिखा दिया है कि भारत के युवा क्या हासिल करने में सक्षम हैं। मैं राष्ट्र की ओर से सभी विजेताओं को शुभकामनाएं देता हूं।"
उन्होंने नीतियों के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने पर सरकार के ध्यान के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा, “स्टार्टअप से लेकर विज्ञान, खेल से लेकर उद्यमिता तक, परिवर्तन की एक नयी लहर चल रही है। हमारी नीतियां युवाओं को ताकत देने को प्राथमिकता देती हैं। चाहे वह स्टार्टअप इकोसिस्टम हो, अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का भविष्य हो, या खेल व फिटनेस हो, हमारी सभी पहल युवाओं पर केंद्रित हैं।”
मोदी ने 'सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान' की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य सक्रिय सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से पोषण परिणामों में सुधार करना है। यह पहल हर भारतीय की बेहतरी सुनिश्चित करने के सरकार के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है।
मोदी ने युवा भारतीयों से साहस, नवाचार व सेवा के मूल्यों को अपनाने का आग्रह किया ताकि राष्ट्र को अधिक एकता व प्रगति की ओर अग्रसर किया जा सके।
उन्होंने बिना किसी राजनीतिक संपर्क वाले एक लाख युवाओं को राजनीति में लाने के अपने आह्वान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पहल अगले 25 वर्षों के लिए महत्वपूर्ण है । उन्होंने युवाओं को नयी पीढ़ी को राजनीति में लाने के इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष की शुरुआत में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर 'विकसित भारत युवा नेता संवाद' आयोजित किया जाएगा और देश भर के गांवों, कस्बों और शहरों से लाखों युवा इसमें भाग लेंगे तथा विकसित भारत के लिए विजन और रोडमैप पर चर्चा करेंगे।
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