जयपुर/नयी दिल्ली, 14 जुलाई कांग्रेस ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट के विरूद्ध सख्त कदम उठाते हुए उन्हें मंगलवार को उप मुख्यमंत्री एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया।
इसके साथ ही पार्टी ने पायलट के साथ गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह एवं रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया।
इस घटनाक्रम के बाद फिलहाल कांग्रेस सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नजर आ रहा है और इस बात की संभावना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल करें।
दूसरी तरफ, दोनों प्रमुख पदों से हटाए जाने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पायलट आगे क्या कदम उठाते हैं।
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कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के बाद पायलट ने अपने पहले बयान में कहा कि ‘सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता।’
पायलट के खिलाफ कार्रवाई के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नयी दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मंत्रणा की।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने पायलट को मनाने का प्रयास किया, लेकिन विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने के बाद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की कई।
पायलट और उनके समर्थक विधायक सोमवार एवं मंगलवार को हुईं कांग्रेस विधायक दल की दोनों बैठकों में नहीं पहुंचे।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद पायलट और उनके समर्थक मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फैसलों की जानकारी दी और दावा किया कि गहलोत सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र में पायलट भी शामिल थे।
पार्टी ने राजस्थान प्रांत युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से मुकेश भाकर को हटा दिया है। उनकी जगह विधायक गणेश घोघरा नये अध्यक्ष होंगे। इसी तरह राकेश पारीक को हटाकर हेम सिंह शेखावत को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सेवा दल का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि बगावत करने वाले सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं है और वे केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं।
राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती थी और 'यह सब' पिछले छह महीने से चल रहा था।
गहलोत ने कहा कि पायलट व उनके साथ गए अन्य मंत्रियों, विधायकों को मौका दिया गया, लेकिन वे न तो सोमवार को और न ही मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आए।
उन्होंने कहा, “सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं हैं। वह तो केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं ...जो रिसॉर्ट सहित बाकी सारे बंदोबस्त करने में जुटी है।”
मौजूदा हालत में संख्या गहलोत सरकार के पक्ष में दिखाई देती है, हालांकि भाजपा का दावा है कि यह सरकार अल्मत में आ चुकी है।
पायलट के करीबी यह मांग कर रहे हैं कि बहुमत का परीक्षण विधानसभा में होना चाहिए।
कांग्रेस ने पायलट के स्थान पर गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री भी हैं।
राजस्थान में जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पुलिस अमले को सतर्क कर दिया गया है ताकि कानून व व्यवस्था के संकट जैसी कोई स्थिति पैदा नहीं हो।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) सौरभ श्रीवास्तव ने कहा,“खुफिया जानकारी और राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए राज्य भर में पुलिस अमले को सतर्क किया गया है।”
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