नयी दिल्ली, 14 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को ऑनलाइन जुए पर रोक लगाने का निर्देश दिये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने वित्त मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ-साथ दिल्ली सरकार को भी इस संबंध में नोटिस जारी कर 29 जनवरी 2021 तक उनका पक्ष रखने को कहा।
जनहित याचिका में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों के इस संबंध में कानून बनाने और रोक लगाने के बावजूद बड़ी संख्या में ऑनलाइन जुआ, सट्टा इत्यादि को बढ़ावा देने वाली गेम वेबसाइट काम कर रही हैं। पूरे देश में इन साइट पर जाकर खेला जा सकता है।
याचिकाकर्ता अविनाश मेहरोत्रा ने अपनी याचिका में कहा कि कानूनन प्रतिबंधित होने के बावजूद इस तरह की गतिविधियां चल रही हैं क्योंकि कानून को सही से लागू नहीं किया जा रहा है।
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मेहरोत्रा, वित्तीय परामर्श सेवाएं देने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में ऑनलाइन जुए की व्यवस्था अनियमित है और ‘यह हवाला एवं धन शोधन इत्यादि का बड़ा मंच है।’’
उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि इतना ही नहीं देश में ऑनलाइन जुआ वेबसाइटें आयकर कानून, विदेशी मुद्रा कानून आदि का भी उल्लंघन कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल भी वह ऐसी याचिका दायर कर चुके हैं। तब केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया गया था कि वह इसे एक ज्ञापन मानकर उपयुक्त कानून के मुताबिक निर्णय करे।
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