नयी दिल्ली, तीन दिसंबर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने कोरियाई , कला एवं सौंदर्यशास्त्र तथा श्रम अध्ययन में पीएचडी पाठ्यक्रम में दाखिला के लिए खुद के स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक समिति गठित की है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक यह संभवतः एक बार का उपाय होगा, क्योंकि ये विषय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) के अंतर्गत नहीं आते, जिसके कारण विश्वविद्यालय को विकल्प तलाशने पड़ रहे हैं।
जेएनयू के तीन पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश अनिश्चित बना हुआ है, क्योंकि वर्तमान प्रवेश प्रक्रिया चार दिसंबर को समाप्त हो रही है, जिससे भावी छात्र चिंतित हैं।
स्कूल ऑफ लैंग्वेज की डीन शोभा शिवशंकरन की अध्यक्षता में समिति की पहली बैठक सोमवार को हुई तथा इसका समाधान निकालने के लिए शीघ्र ही पुनः बैठक होने की उम्मीद है।
जेएनयू पहले भी विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) आयोजित कर चुका है।
हालांकि, स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) प्रवेश के लिए संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) की शुरुआत के बाद और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप जेएनयू ने यूजीसी की एनईटी (नेट) परीक्षा के माध्यम से पीएचडी के लिए छात्रों को प्रवेश देना शुरू कर दिया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)