नयी दिल्ली, एक अक्टूबर देश में पेट्रोल की मांग में सितंबर में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए मार्च के आखिर में देश में लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद से पेट्रोल की बिक्री में पहली बार बढ़ोतरी हुई है, जिससे पता चलता है कि इस वाहन ईंधन की मांग कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंच रही है।
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इन कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है।
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हालांकि, डीजल की बिक्री सामान्य स्तर से कम है, लेकिन माह-दर-माह आधार पर इसमें बढ़ोतरी हुई है।
आंकड़ों के अनुसार सितंबर में पेट्रोल की बिक्री दो प्रतिशत बढ़ी है। पिछले महीने की तुलना में पेट्रोल की बिक्री में 10.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। हालांकि, डीजल की मांग अभी नकारात्मक बनी हुई है। सालाना आधार पर डीजल की बिक्री में सात प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, अगस्त की तुलना में डीजल की बिक्री 22 प्रतिशत अधिक रही है।
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दुनिया के तीसरे सबसे बड़े आयातक देश में 25 मार्च के लॉकडाउन के बाद पहली बार पेट्रोल की बिक्री बढ़ी है। सितंबर में पेट्रोल की बिक्री बढ़कर 22 लाख टन पर पहुंच गई। पिछले साल समान महीने में यह 21.6 लाख टन थी। अगस्त, 2020 में पेट्रोल की बिक्री 19 लाख टन रही थी।
देश में सबसे ज्यादा उपभोग वाले ईंधन डीजल की बिक्री सितंबर में घटकर 48.4 लाख टन रह गई। सितंबर, 2019 में यह 52 लाख टन रही थी। वहीं अगस्त, 2020 में डीजल बिक्री 39.7 लाख टन थी।
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) के निदेशक (विपणन) अरुण कुमार सिंह ने पिछले सप्ताह कहा था कि पेट्रोल की बिक्री अब कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है, लेकिन डीजल बिक्री का आंकड़ा अभी कमजोर है।
उन्होंने कहा, ‘‘लोग आवाजाही के लिए निजी वाहनों के इस्तेमाल को प्राथमिकता दे रहे हैं। लेकिन डीजल खपत वाले क्षेत्रों मसलन स्कूल बसों या सार्वजनिक बसों का काफी कम इस्तेमाल हो रहा है।’’ उन्होंने कहा कि अक्टूबर-नवंबर में पेट्रोल की बिक्री सकारात्मक दायरे में आ जाएगी। वही डीजल की बिक्री में शून्य से तीन प्रतिशत की गिरावट रहेगी।
इससे पहले अगस्त में डीजल की बिक्री में पिछले साल के समान महीने की तुलना में 21 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं अगस्त में पेट्रोल की बिक्री 7.4 प्रतिशत घटी थी।
आंकड़ों के अनुसार सितंबर में विमान ईंधन एटीएफ की बिक्री 54 प्रतिशत घटकर 6,18,000 टन रही। हालांकि, यह अगस्त, 2020 की तुलना में 22.5 प्रतिशत बढ़ी। अगस्त में जेट ईंधन की बिक्री 2,35,000 टन रही थी।
सितंबर में रसोई गैस (एलपीजी) की बिक्री सालाना आधार पर पांच प्रतिशत बढ़कर 22.8 लाख टन पर पहुंच गई। अगस्त की तुलना में इसमें 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। माना जा रहा है कि अक्टूबर में त्योहारी सीजन की वजह से ईंधन की मांग में और सुधार होगा।
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