जेल में दो ईरानी नागरिकों पर प्रताड़ना को लेकर याचिका, उच्च न्यायालय जाने को कहा गया
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नयी दिल्ली, 22 मई उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को ईरान के महावाणिज्य दूत को अपनी उस याचिका के साथ मद्रास उच्च न्यायालय का रूख करने को कहा जिसमें आरोप लगाया गया है कि मादक द्रव्य के मामले में 20 साल की सजा काट रहे दो ईरानी नागरिकों को चेन्नई में एक जेल अधीक्षक ने प्रताड़ित किया।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति रिषिकेश रॉय की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए याचिका पर सुनवाई की ।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के वकील ने मद्रास उच्च न्यायालय जाने के लिए याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी है । अनुमति प्रदान की जाती है।’’

याचिका में अनुरोध किया गया था कि जेल अधीक्षक द्वारा कथित प्रताड़ना की जांच के निर्देश दिए जाएं।

कथित अमानवीय बर्ताव और मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए मोसावी और जाफरानी के परिवारों को प्रत्येक को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने के निर्देश का भी अनुरोध किया गया था।

याचिका के मुताबिक मादक पदार्थ की रोकथाम संबंधी एनडीपीएस कानून के तहत मोसावी और जाफरानी को 20 साल की सजा सुनवाई गयी और पिछले सात साल से वे जेल में हैं ।

निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील उच्च न्यायालय में लंबित है ।

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