नयी दिल्ली, चार मई उच्चतम न्यायालय ने एक जिला न्यायाधीश द्वारा दायर उस याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया जिसमें एक ‘कनिष्ठ’ न्यायिक अधिकारी की कर्नाटक उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति को चुनौती दी गई थी।
याचिका में उनके शपथ-ग्रहण को रोकने की मांग करते हुए कहा गया था की यह वरिष्ठता के नियम का उल्लंघन करती है।
शीर्ष अदालत ने न्यायिक अधिकारी पद्मराज एन देसाई के उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेने से महज आधे घंटे पहले इस याचिका को खारिज किया।
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में निर्धारित न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण से ठीक आधे घंटे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यह मामला सुबह 10 बजे सुना। पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय आखिरी मौके पर इस तरह की याचिकाओं की सुनवाई नहीं कर सकता।
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील संजय नूली ने सुनवाई के बाद बताया कि उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति के आदेश पर आखिर वक्त में हस्तक्षेप नहीं करता और याचिका खारिज कर दी।
शिवमोगा के प्रधान जिला न्यायाधीश आरकेजीएमएम महास्वामीजी ने न्यायिक अधिकारी पद्मराज एन देसाई को कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाए जाने को वरिष्ठता के आधार पर चुनौती दी थी।
उन्होंने कहा था कि न्यायिक अधिकारी पद्मराज एन देसाई के कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेने पर रोक लगाने की अंतरिम राहत नहीं दी जाती है तो याचिका बेमतलब हो जाएगी और यह पूर्ण न्याय में विफलता के साथ ही संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 के तहत याचिकाकर्ता के मूल अधिकारों का भी स्पष्ट उल्लंघन होगा।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के महा पंजीयक द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक न्यायमूर्ति शिवशंकर अमरान्नावर, न्यायमूर्ति एम जी उमा, न्यायमूर्ति वेदव्यासाचार श्रीशानंद, न्यायमूर्ति एच. संजीवकुमार और न्यायमूर्ति पद्मराज एन देसाई को सोमवार सुबह साढ़े दस बजे कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर पद की शपथ लेनी थी।
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