नयी दिल्ली, 21 नवंबर भाजपा ने बृहस्पतिवार को नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण का हवाला देते हुए दावा किया कि देश ने रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
इसने कहा कि केंद्र में उसकी सरकार के तहत कार्यशील जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) पिछली कांग्रेस-नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की तुलना में बढ़ गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘‘बालक बुद्धि’ गुट चाहता है कि हम विश्वास करें कि भारत में कोई रोजगार नहीं है, लेकिन आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के नवीनतम आंकड़े उसके झूठ को उजागर करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि भारत ने मोदी सरकार के तहत रोजगार के मोर्चे पर महत्वपूर्ण प्रगति की है।’’
मालवीय ने यह भी कहा कि कांग्रेस को ‘‘निराधार दुष्प्रचार’’ करने से पहले संप्रग काल के दौरान अपने प्रदर्शन पर कड़ी नजर डालनी चाहिए।
डब्ल्यूपीआर कुल जनसंख्या में नियोजित व्यक्तियों के प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने कहा कि 2011-12 में संप्रग शासन के तहत शहरी डब्ल्यूपीआर 35.5 प्रतिशत था, जो 2004-05 के 36.5 प्रतिशत से कम है और यह पर्याप्त नौकरियां पैदा करने में विफलता को दर्शाता है।
मालवीय ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के तहत यह बढ़कर 2023-24 में 47.2 प्रतिशत हो गया है।
उन्होंने कहा कि शहरी महिला डब्ल्यूपीआर इसी अवधि के दौरान संप्रग सरकार के तहत 16.6 से कम होकर केवल 14.7 प्रतिशत था, जो 2023 में 21.9 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 23.4 प्रतिशत हो गया, जिससे कार्यबल में लैंगिक समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के केंद्रित प्रयासों का पता चलता है।
मालवीय ने कहा, ‘‘ये आंकड़े झूठ नहीं बोलते हैं। कांग्रेस के निराधार दावे डेटा के सामने ढह जाते हैं, जो स्पष्ट रूप से दिखाता है कि मोदी सरकार रोजगार पर काम कर रही है, जबकि यह संप्रग के विनाशकारी ट्रैक रिकॉर्ड को उजागर कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सामूहिक विपक्ष को गलत सूचना फैलाने से पहले आईना देखने की याद दिलाने का समय है।’’
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