वाराणसी/भदोही/मिर्जापुर (उप्र), एक सितंबर वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने के बाद भी लोगों की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं। गंगा और वरुणा नदियों के तटवर्ती इलाके अभी भी जममग्न हैं।
मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के लिए आ रहे लोगों को अभी भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। घाटों पर पानी होने की वजह से शवदाह के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
अस्सी घाट से लेकर नमो घाट तक सब बाढ़ में डूबे हुए हैं। अस्सी से नगवा जाने वाली सड़क पर पानी है। लंका क्षेत्र की कुछ गलियों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। नमो घाट पर हाथ जोड़ने की मुद्रा में लगी मूर्ति भी पानी में डूबी हुई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था और गाजीपुर में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित की थी। उन्होंने बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए वाराणसी का भी दौरा किया था।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, बुधवार की सुबह गंगा का जल स्तर 71.96 मीटर था, जो बृहस्पतिवार की सुबह घटकर 71.10 मीटर रह गया। गंगा का जलस्तर चार सेंटीमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से घट रहा है, परन्तु अभी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं।
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर राहत कार्य चलाया जा रहा है। उनके अनुसार, जिले में कुल 21 बाढ़ राहत शिविर काम कर रहे हैं जिनमें 874 परिवारों के कुल 4,267 लोग रह रहे हैं। राहत शिविरों में रह रहे लोगों के साथ ही बाढ़ ग्रस्त इलाकों में भोजन-पानी के साथ ही चिकित्सीय सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों के लिए कुल 40 मेडिकल टीम बनाई गई हैं तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के लिए भूसा वितरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशुओं के टीकाकरण के साथ ही चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संदीप चौधरी ने बताया कि सभी बाढ़ चौकियों पर चिकित्सकों की टीम पर्याप्त दवाओं के साथ उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग बाढ़ चौकियों पर नहीं पहुंच पा रहे उनको घर पर ही चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
चौधरी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में क्लोरीन की गोलियां और ओआरएस के पैकेट लगातार बांटे जा रहे हैं।
भदोही में गंगा का जलस्तर कम होने से बाढ़ प्रभावित लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं, हालांकि प्रशासन द्वारा दो स्कूलों में बनाए गए राहत शिविरों में तीन गांवों के करीब 300 लोग अब भी रह रहे हैं।
भदोही की जिला अधिकारी आर्यका अखौरी ने मंगलवार को बताया था कि जिले में गंगा नदी में बढे़ जलस्तर से ज्ञानपुर तहसील के कुल 26 गाँवों की सैकड़ों एकड़ फसल अभी भी बाढ़ की चपेट में है। मिर्जापुर से मिली खबर के अनुसार, जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कहा है कि अब गंगा नदी का जलस्तर घट रहा है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि अधिकारी बाढ़ के बाद फैलने वाली बीमारियों को रोकने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दवा के छिड़काव सहित उचित कदम उठाएं।
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