इंदौर (मध्यप्रदेश), 10 नवंबर: इंदौर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद शंकर लालवानी ने बुधवार रात दावा किया कि दुनिया भर में बसे सिंधी मूल के लोग सिंध को पाकिस्तान से आजाद करने के लिए आंदोलन चला रहे हैं. उन्होंने यह ‘‘भरोसा’’ भी जताया कि प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा यह भू-भाग आने वाले समय में पाकिस्तान से अलग होकर भारत में शामिल हो जाएगा.
लालवानी ने इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘दुनिया भर में बसे सिंधी मूल के लोग एक आंदोलन चला रहे हैं, जिसका लक्ष्य सिंध को पाकिस्तान से आजाद करना है. सिंध के लोग पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में सिंध पाकिस्तान से अलग होगा और भारत में मिलेगा. वैसे भी 1947 में भारत के विभाजन से पहले सिंध हमारे ही देश का हिस्सा था, जहां सिंधु घाटी की प्राचीन सभ्यता पनपी.’’
लालवानी 101 सिंधी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र प्रदान किए जाने के समारोह को संबोधित कर रहे थे. इन लोगों ने अपनी मातृभूमि पाकिस्तान को अलविदा कहने के बाद लंबे समय से भारत में शरण ले रखी है.
समारोह में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन सरकारों ने एक वर्ग के तुष्टिकरण की नीति के चलते सिंधी हिंदू शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की रफ्तार जान-बूझकर धीमी रखी.
उन्होंने बताया कि गुजरे कुछ सालों के दौरान इंदौर में 1,926 सिंधी हिंदू शरणार्थियों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था और इनमें से 1,119 आवेदकों को भारतीय नागरिकता दी जा चुकी है.
मिश्रा ने कहा कि बाकी आवेदकों को भी जल्द से जल्द भारतीय नागरिकता देने की कोशिश की जाएगी.
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