नयी दिल्ली, 28 जुलाई कांग्रेस समेत कई प्रमुख विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय करार देते हुए बुधवार को कहा कि इसको लेकर सभी दल एकजुट और सहमत हैं कि इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और उच्चतम न्यायालय की निगारानी में इसकी जांच होनी चाहिए।
बैठक के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह पर पेगसास स्पाईवेयर का उपयोग करके लोकतंत्र की आत्मा पर चोट करने का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में विपक्षी दलों की बैठक हुई। इस बैठक में खड़गे, राहुल गांधी, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल, द्रमुक के टीआर बालू, राजद के मनोज झा और कई अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
बैठक में तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधि मौजूद नहीं था, हालांकि संसद के दोनों सदनों में पार्टी के सांसद इस विषय पर सरकार का मुखर विरोध कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी से जुड़े कार्यक्रमों में व्यस्त होने की वजह से बैठक में शामिल नहीं हो सके।
राहुल गांधी ने कहा कि ममता बनर्जी और दूसरे सभी विपक्षी नेता पेगासस के मुद्दे पर एकजुट हैं।
उन्होंने प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं की मौजूदगी में संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि सरकार ने पेगासस पर चर्चा करने से इनकार कर दिया है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हमारी आवाज को संसद में दबाया जा रहा है। हमारा सिर्फ यह सवाल है कि क्या भारत सरकार ने पेगासस को खरीदा?...हां या ना। क्या सरकार ने अपने ही लोगों पर पेगासस हथियार का इस्तेमाल किया ?... हां या ना।’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि उनके समेत कई विपक्षी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ पेगासस रूपी हथियार का उपयोग किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कहा जा रहा है कि हम संसद की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं। हम संसद को बाधित नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ विपक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी पूरा करना चाह रहे हैं। इस हथियार का उपयोग देश के खिलाफ किया गया है।’’
राहुल गांधी ने सवाल किया, ‘‘ इस हथियारों का उपयोग आतंकवादियों के खिलाफ करना चाहिए। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से पूछना चाहते हैं कि इसका इस्तेमाल लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ क्यों किया गया?’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘ पेगासस का मामला राष्ट्रवाद का मामला है। मेरे लिए यह निजता का मामला नहीं है। नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह ने देश के लोकतंत्र की आत्मा पर चोट मारी है। इसलिए हम इस पर चर्चा चाहते हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि संसद की कार्यवाही नहीं चलने के लिए सरकार जिम्मेदार है।
उन्होंने यह भी कहा कि पेगासस के मुद्दे पर सभी विपक्षी दल एकजुट हैं।
शिवसेना के संजय राउत ने कहा, ‘‘यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। सरकार को खुद आगे आकर कहना चाहिए कि हम चर्चा के लिए तैयार है। सरकार ने विश्वासघात किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं हो रहा है कि संसद की कार्यवाही नहीं चल रही है। अगर सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा पर बात नहीं करना चाहती है तो फिर किस पर करना चाहती है।’’
संवाददाता सम्मेलन से पहले विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च किया और उन्होंने हाथ में तख्तियां ले रखी थीं।
पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है।
विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा।
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