लाहौर, पांच फरवरी: पाकिस्तान और श्रीलंका के क्रिकेट बोर्ड (एससीएल) इस बात को लेकर वित्तीय विवाद में फंसे हुए हैं कि पिछले साल एशिया कप को श्रीलंका में स्थानांतरित करने के कारण आए तीन-चार मिलियन डॉलर (लगभग 25 से 33 करोड़ रुपये) के अतिरिक्त खर्च को कौन वहन करेगा. यह भी पढ़ें: India Beat England 2nd Test 2024: इंग्लैंड को 106 रन से हराकर भारत ने श्रृंखला में की जबरदस्त वापसी, जसप्रीत बुमराह-रविचंद्रन अश्विन के खाते में 3-3 विकेट
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने पाकिस्तान में सुरक्षा और दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के मद्देनजर टीम को पाकिस्तान भेजना से मना कर दिया। इसके बाद मेजबान पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की जिद्द पर एशिया कप का आयोजन हाइब्रिड मॉडल पर हुआ था.
टूर्नामेंट के ज्यादातर मैचों का आयोजन श्रीलंका में हुआ जबकि इसके कुछ मुकाबले पाकिस्तान में खेले गये. इसके परिणामस्वरूप चार्टर्ड विमान, होटल बुकिंग, स्थल किराये की फीस और यात्रा सहित अन्य पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ा.
एसएलसी ने पिछले सप्ताह बाली में एसीसी (एशियाई क्रिकेट परिषद) की बैठक के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि वह वित्तीय बोझ उठाने को तैयार नहीं है क्योंकि उसे इस आयोजन से अतिरिक्त कमाई नहीं हुई है और वह टूर्नामेंट का आधिकारिक मेजबान भी नहीं था.
इस आयोजन का खर्च इसलिए भी बढ़ गया क्योंकि पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष जका अशरफ ने पहले मैच को लाहौर की जगह मुल्तान में कराया था. पीसीबी अतिरिक्त खर्चों के भुगतान के लिए एसीसी पर दबाव बना रहा है क्योंकि उसने पाकिस्तान के मेजबानी अधिकार वापस लेने और आयोजन को दूसरे देश में करने का निर्णय लिया था.
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि बाली में बैठक के दौरान, एसीसी प्रमुख जय शाह ने स्पष्ट किया कि एसीसी बोर्ड ने पूरे टूर्नामेंट को श्रीलंका में स्थानांतरित करने का फैसला किया था लेकिन पीसीबी ने चार मैचों की मेजबानी करना चाहता था.
सूत्र ने कहा, ‘‘जब पीसीबी के कार्यवाहक अध्यक्ष खावर शाह और सीईओ सलमान नसीर ने (बाली में) वित्तीय विवाद पर चर्चा की, तो जय शाह और एसएलसी एक का विचार एक जैसा ही था.’’
उन्होंने कहा कि शाह ने अधिकारियों को समझाया कि चूंकि पाकिस्तान इस आयोजन का मेजबान बना रहा और श्रीलंका के आयोजन स्थल और सुविधाओं का उपयोग किया गया, इसलिए एसएलसी का बकाया पीसीबी द्वारा चुकाया जाना चाहिए.
सूत्र ने कहा कि एसएलसी अध्यक्ष शमी सिल्वा ने एसीसी को चिंता व्यक्त की कि पीसीबी ने अभी भी होटल में ठहरने और चार्टर्ड उड़ानों के बिलों का भुगतान नहीं किया है. शाह ने सिल्वा को सीधे पीसीबी से निपटने की सलाह दी.
नसीर ने हालांकि सिल्वा को आश्वासन दिया है कि होटल में ठहरने और स्थल किराये से संबंधित कुछ बिल ‘सत्यापन की प्रक्रिया में है’ और पीसीबी द्वारा जल्द ही मंजूरी दे दी जाएगी.
चार्टर्ड उड़ान पर किए गए खर्च का मुद्दा अभी नही सुलझा है.
पीसीबी ने अब तक 281,700 डॉलर की अग्रिम राशि का भुगतान कर दिया है और आयोजन स्थलों के लिए एसएलसी को 2,069,885 डॉलर देने पर सहमति व्यक्त की है. पीसीबी अब इस बात पर जोर दे रहा है कि एसीसी मूल संस्था होने के नाते, कुछ अतिरिक्त खर्च को साझा करे और 2.5 मिलियन डॉलर की मेजबानी शुल्क का भुगतान करे.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)