Paytm Payments Bank
नयी दिल्ली, 19 जुलाई : पेटीएम की मूल कंपनी वन कम्युनिकेशंस का घाटा चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में बढ़कर 840 करोड़ रुपये हो गया. बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 358.4 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. पेटीएम ने शुक्रवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी एकीकृत आय 33.48 प्रतिशत घटकर 1,639.1 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,464.2 करोड़ रुपये थी.
पेटीएम के प्रवक्ता ने घाटे में बढ़ोतरी और राजस्व में गिरावट के लिए मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सहयोगी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. (पीपीबीएल) पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण कारोबार में आई बाधा को जिम्मेदार ठहराया. आरबीआई ने कारोबारियों सहित ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए 15 मार्च से पीपीबीएल को किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट और फास्टैग में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है. यह भी पढ़ें : Sensex Update: बाजार में रिकॉर्डतोड़ तेजी का सिलसिला थमा, सेंसेक्स 739 अंक फिसला
प्रवक्ता ने कहा, “इसके लिए (राजस्व में कमी और घाटे में वृद्धि)तीन कारक जिम्मेदार हैं. यह मुख्य रूप से वॉलेट जैसे पीपीबीएल उत्पादों के कारण व्यवधान हैं. हमने वॉलेट और कुछ उत्पादों का उपयोग बंद कर दिया है.” कंपनी ने कुछ ऐसे उत्पादों पर भी अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, जिनके बारे में उद्योग स्तर पर नियामकों को चिंता हो सकती है. प्रवक्ता के अनुसार, पहली तिमाही में पीपीबीएल व्यवधान का प्रभाव समाप्त हो गया है और कंपनी का प्रदर्शन दूसरी तिमाही से बेहतर होगा.
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नयी दिल्ली, 19 जुलाई : पेटीएम की मूल कंपनी वन कम्युनिकेशंस का घाटा चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में बढ़कर 840 करोड़ रुपये हो गया. बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 358.4 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. पेटीएम ने शुक्रवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी एकीकृत आय 33.48 प्रतिशत घटकर 1,639.1 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,464.2 करोड़ रुपये थी.
पेटीएम के प्रवक्ता ने घाटे में बढ़ोतरी और राजस्व में गिरावट के लिए मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सहयोगी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. (पीपीबीएल) पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण कारोबार में आई बाधा को जिम्मेदार ठहराया. आरबीआई ने कारोबारियों सहित ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए 15 मार्च से पीपीबीएल को किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट और फास्टैग में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है. यह भी पढ़ें : Sensex Update: बाजार में रिकॉर्डतोड़ तेजी का सिलसिला थमा, सेंसेक्स 739 अंक फिसला
प्रवक्ता ने कहा, “इसके लिए (राजस्व में कमी और घाटे में वृद्धि)तीन कारक जिम्मेदार हैं. यह मुख्य रूप से वॉलेट जैसे पीपीबीएल उत्पादों के कारण व्यवधान हैं. हमने वॉलेट और कुछ उत्पादों का उपयोग बंद कर दिया है.” कंपनी ने कुछ ऐसे उत्पादों पर भी अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, जिनके बारे में उद्योग स्तर पर नियामकों को चिंता हो सकती है. प्रवक्ता के अनुसार, पहली तिमाही में पीपीबीएल व्यवधान का प्रभाव समाप्त हो गया है और कंपनी का प्रदर्शन दूसरी तिमाही से बेहतर होगा.