पुणे/मुंबई/नयी दिल्ली, तीन मई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बुधवार को कहा कि वह उन कई लोगों में शामिल हैं, जो “पवार साहब” के नेतृत्व से प्रेरित होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे।
पवार ने एक दिन पहले ही घोषणा की थी कि वह राकांपा प्रमुख का पद छोड़ेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पवार की बेटी सुप्रिया सुले के अधीन काम करेंगे क्योंकि शीर्ष पद के लिए उनके नाम की चर्चा चल रही है, पाटिल ने कहा कि पार्टी जो भी फैसला लेती है, उसे सभी को स्वीकार करना होगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदारों में से एक हैं, पाटिल ने कहा कि वह खुद को राष्ट्रीय स्तर पर काम करने के योग्य नहीं मानते। उन्होंने कहा, “मैं राज्य में काम करना जारी रखना चाहूंगा। हमारी मांग है कि पवार साहब राष्ट्रीय प्रमुख बने रहें। इसलिए अन्य नामों पर चर्चा करना उचित नहीं है।”
वहीं मुंबई में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को यहां आगे की राह पर चर्चा की। छगन भुजबल ने कहा कि पवार की बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले “राष्ट्रीय भूमिका” के लिए आदर्श हैं।
चर्चा से पहले भुजबल ने कहा, “वह एक सांसद के रूप में अच्छा काम कर रही हैं। इसलिए नए (राकांपा) अध्यक्ष का फैसला करने में कोई समस्या नहीं होगी। अजित पवार को राज्य (महाराष्ट्र) की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। काम का बंटवारा पहले से ही है।”
हालांकि बैठक के बाद भुजबल ने साफ किया कि सुले को लेकर दिया गया उनका बयान उनकी निजी राय है।
वहीं दिल्ली में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा कि शरद पवार की उपस्थिति राजनीति के साथ-साथ उनकी पार्टी के अध्यक्ष पद के लिये भी जरूरी है।
राणे ने कहा, “अजित बड़े-बड़े भाषण दे रहे थे। उन्होंने पवार के फैसले को सही पाया, जबकि पार्टी कार्यकर्ता इसके विपरीत राय रखते हैं।”
शिवसेना के पूर्व नेता ने कहा, “आदरणीय शरद पवार, राजनीति में भी आपकी जरूरत है और राकांपा के अध्यक्ष के तौर पर भी।”
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)