NCP को तोड़ने की BJP की ‘मंशा’ से वाकिफ थे पार्टी नेता, अजित पवार के कदम से नहीं- रोहित पवार
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मुंबई, तीन जुलाई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के पोते एवं विधायक रोहित पवार ने सोमवार को दावा किया कि राकांपा के वरिष्ठ नेताओं को पार्टी को तोड़ने की भाजपा की ‘मंशा’ का अंदाजा था, लेकिन उन्हें अजित पवार के इस तरह सत्तारूढ़ गठबंधन से हाथ मिलाने के कदम की कोई जानकारी नहीं थ महाराष्ट्र के पुणे में पत्रकारों से बातचीत में रोहित ने कहा कि वह पूरी तरह से राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ हैं. यह भी पढ़े: Maharashtra Political Crisis: राकांपा को बचाने के लिए 'जनरल' शरद पवार फिर योद्धा की भूमिका में

राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने रविवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की, जबकि पार्टी के आठ अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी इसे राकांपा प्रमुख शरद पवार के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने 24 साल पहले पार्टी की स्थापना की थी घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार के बड़े भाई अप्पासाहेब पवार के पोते रोहित पवार ने कहा, “हमें अजित पवार के भाजपा से हाथ मिलने की कोई भनक तक नहीं थी, लेकिन इस बात का अंदाजा जरूर था कि भाजपा, राकांपा को तोड़ने पर उतारू है.

उन्होंने कहा, “हालांकि, इन सब चीजों को देखते हुए, मैं सोचता हूं कि क्या मेरे जैसे लोगों ने राजनीति में कदम रखकर गलती कर दी अजित पवार के कदम के बारे में पूछे जाने पर रोहित ने कहा कि वह उनके प्रति भावनात्मक लगाव रखते हैं, क्योंकि वह उनके चाचा हैं उन्होंने कहा, “अजित पवार ने व्यक्तिगत स्तर पर भी मेरी मदद की है हालांकि, राजनीतिक रूप से हम पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं रोहित ने यह भी कहा कि शक्ति परीक्षण की बारी आएगी तो शरद पवार को जनता के नेता के रूप में ज्यादा स्वीकार्यता हासिल होगी.

अजित पवार सहित नौ राकांपा नेताओं के शिंदे नीत सरकार में शामिल होने के घटनाक्रम और भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए शरद पवार ने पांच जुलाई को मुंबई में एक बैठक बुलाई है

रोहित पवार ने कहा, “राज्य का संघर्ष और दृढ़ता से उसका सामना करने का इतिहास रहा है हम ऐसा करना जारी रखेंगे बाद में सतारा में संवाददाताओं से बातचीत में रोहित ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने वाले राकांपा विधायक पहले मुख्यमंत्री शिंदे की आलोचना करते नहीं थकते थे.

उन्होंने दावा किया, “जो लोग ‘पन्नस खोके, एकदम ओके’ के ताने के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन पर हमला बोलते थे, वे अब राज्य सरकार में शामिल हो गए हैं शिवसेना और राकांपा के साथ जो हुआ (विभाजन), वह कांग्रेस में भी हो सकता है शिंदे और अविभाजित शिवसेना के 39 अन्य विधायकों ने पिछले साल जून में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिससे राज्य में उनके नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी एमवीए में शामिल कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के उद्धव गुट ने आरोप लगाया था कि बागी विधायकों ने पार्टी से बगावत करने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए 50 करोड़ रुपये (स्थानीय में पन्नस खोके) लिए हैं.

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