देश की खबरें | पार्थ चटर्जी एम्स-भुवनेश्वर में बिताएंगे रात, अदालत ने ईडी की 10 दिनों की हिरासत में भेजा

भुवनेश्वर/कोलकाता, 25 जुलाई शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की 10 दिनों की हिरासत में भेजे गए पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी सोमवार की रात भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बिताएंगे, जहां उन्हें विस्तृत जांच के लिए ले जाया गया है।

ईडी के सूत्रों ने बताया कि अपरिहार्य कारणों से चटर्जी अस्पताल में ही रात बिताएंगे और मंगलवार सुबह कोलकाता लौटेंगे।

एम्स, भुवनेश्वर के चिकित्सकों ने कहा कि वह गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है।

ईडी ने अस्पताल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए चटर्जी को 10 दिनों के लिए हिरासत में देने का अनुरोध किया था।

मंत्री की जमानत याचिका खारिज करते हुए बैंकशाल कोर्ट में ईडी की विशेष अदालत के न्यायाधीश जीबोन कुमार साधू ने मंत्री तथा उनकी करीबी माने जाने वाली अर्पिता मुखर्जी को तीन अगस्त तक के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।

अदालत ने रात करीब 11 बजे अपने आदेश में कहा कि 22 जुलाई को गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को तीन अगस्त को फिर से अदालत में पेश किया जाए।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चटर्जी (69) को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई को ईडी को चटर्जी को एयर एम्बुलेंस से एम्स भुवनेश्वर में ले जाने का निर्देश दिया था।

अस्पताल के कार्यकारी निदेशक आशुतोष विश्वास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने चटर्जी के रक्त, किडनी, थॉयराइड और हृदय संबंधी जांच की है। उन्हें कुछ गंभीर बीमारियां हैं, लेकिन तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।’’

विश्वास ने कहा कि उच्च न्यायालय को चटर्जी के स्वास्थ्य की स्थिति से जुड़ी रिपोर्ट भेज दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘वह जिन लक्षणों के साथ अस्पताल आए थे, वे बहुत गंभीर प्रकृति के नहीं हैं। सीने में इतना दर्द नहीं था। टीएमसी नेता लंबे समय से दवाएं ले रहे हैं और एम्स ने उनके लक्षणों को ध्यान में रखते हुए उसमें कुछ बदलाव करने की सलाह दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अदालत के निर्देश के मुताबिक अगला कदम उठाया जाएगा।’’ साथ ही, विश्वास ने कहा कि चटर्जी को जल्द अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

राज्य प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक भर्ती घोटाले के वक्त चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था। बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया। अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से अनियमितताओं की जांच करने को कहा था। ईडी, घोटाले में धन शोधन पहलू की जांच कर रही है।

केंद्रीय एजेंसी स्कूल भर्ती घोटाले में कथित वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है। उसने अदालत से मुखर्जी को भी 13 दिनों के लिए हिरासत में सौंपने का अनुरोध किया था।

ईडी ने अपनी दलील में कहा कि चटर्जी बंगाल सरकार द्वारा संचालित एसएसकेएम अस्पताल में बीमारी का बहाना बना कर भर्ती हुए थे और शनिवार को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें दो दिनों की रिमांड पर दिये जाने के दौरान केंद्रीय एजेंसी उनसे पूछताछ नहीं कर सकी।

चटर्जी ने मुखर्जी की 13 दिन की हिरासत मांगी थी।

न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि दोनों आरोपी के ईडी की हिरासत में रहने के दौरान हर 48 घंटे में उनकी चिकित्सा जांच की जाए। अदालत ने जांच अधिकारी से आरोपियों को प्रताड़ित न किए जाने का भी निर्देश दिया।

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