ब्राजील में अपने बिजनेस को फैलाने के लिए कागज कंपनी सुजानो को सस्टेनेबल बॉन्ड्स के रूप में अरबों डॉलर मिले हैं. स्थानीय समुदायों को डर है कि पर्यावरणीय और सामाजिक कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी.ब्राजील के उत्तर-पूर्वी मरानहाओ राज्य के कुर्वेलांडिया समुदाय के लोगों ने इस साल के शुरू में गांव से गुजरने वाली लाल मिट्टी वाली सड़क पर बैरिकेड के रूप में टहनियां और ताड़ के विशाल पत्ते डाल दिए थे. वे चाहते थे कि लातिन अमेरिका की सबसे बड़ी यूकेलिप्टस पल्प निर्माता कंपनी सुजानो, उनकी सड़क की मरम्मत करे, और उस पर गुजरने वाले ट्रकों की संख्या में कटौती करे.
वे ब्राजीली कंपनी से ये भी चाहते हैं कि सड़क निर्माण से पर्यावरण और जमीन से जुड़ी जो भी समस्याएं आएं, उनका समाधान भी वही करे. सैंड्रो लूसियो का कहना है कि सड़क कुर्वेलांडिया की जमीन पर बनी है, जहां उनकी भी संपत्ति है. वो कहते हैं, "कोई समझौता नहीं हुआ. किसी को कुछ भी भुगतान नहीं मिला. सिर्फ भारी मशीनरी लेकर आ धमके. मेरी जमीन से बाड़ उखाड़ दी, ट्रक ने मेरे घोड़े को कुचलकर मार दिया. उन्होंने पानी खींचने की मशीनें भी लगा दी, ये कहकर कि चश्मों से पानी खींचने की उन्हें राज्य से इजाजत मिली हुई है."
सैंड्रो लूसियो कहते हैं कि ऐसी कोई अनुमति उन्हें नहीं मिल सकती क्योंकि जमीन निजी है.
ये अकेले कुर्वेलांडिया का मामला नहीं
डॉयचे वेले ने ब्राजील में जारी सामाजिक-पर्यावरणीय संघर्षों के आठ मामलों की छानबीन की. और इस दौरान अधिकारियों, सामुदायिक नेताओं और यूनियन के प्रतिनिधिनियों से बातचीत में पता चला कि ऐसे कम से कम 40 और मामले हैं.
अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन में सुजानो को जो दस्तावेज जमा कराने हैं, उनके मुताबिक, उस पर 262 सिविल और पर्यावरणीय मामले चल सकते हैं. श्रम से भी जुड़े 2499 मामलों में भी वो घिरी है.
कंपनी के खिलाफ, कीटनाशकों के अनापशनाप इस्तेमाल, जल संसाधनों का प्रदूषण, जमीन पर कब्जा, और पारंपरिक समुदायों से निर्माण प्रोजेक्टों पर सलाह न करने जैसे दावे किए गए हैं.
इसके बावजूद सुजानो के पास देश भर में दस लाख हेक्टेयर से ज्यादा की यूकेलिप्टस प्लांटेशन है, अगले दशक में इसे करीब दोगुना करने की योजना है. कंपनी उच्च पर्यावरणीय, सामाजिक और गवर्नेंस रेटिंग हासिल करने में सफल रही है. हरित निवेश में उसने अरबों कमाए हैं.
ग्रीन फाइनेंस के कई शेड्स
वैश्विक स्तर पर हरित वित्त, सबसे ज्यादा तेजी से उभरता वित्तीय सेक्टर है. विश्व बैंक का अनुमान है कि 2030 तक ये 100 अरब डॉलर (90 अरब यूरो) से बढ़कर 10 खरब डॉलर हो जाएगा.
सुजानो फायदे ही फायदे में है. बहुराष्ट्रीय कंपनी को फ्रांस के क्रेडिट एग्रीकोल, नॉर्वे के सरकारी पेंशन फंड और नीदरलैंड्स के पेंशन फंड जैसे बड़े वित्तीय समूहों से अरबों की राशि मिली है.
फॉरेस्ट रिस्क कमोडिटीज (वनों के लिए जोखिम वाली वस्तुओं) और कंपनियों को ट्रैक करने वाले संगठनों के गठबंधन, फॉरेस्ट एंड फाइनेंस के एक विश्लेषण के मुताबिक, सुजानो को ऐसी कमोडिटीज के लिए 15 फीसदी तमाम ज्ञात कर्ज और अंडरराइटिंग 2015 से 2020 के बीच हासिल हुई थी. फॉरेस्ट रिस्क सामान से जुड़ी सभी कंपनियों में, क्रेडिट पाने वाली सुजानो अकेली सबसे बड़ी कंपनी है. इनमें मवेशी, सोया, पाम ऑयल, कोको, रबर, और लकड़ी के उत्पाद जैसे टिंबर और कागज शामिल है. इन सबका संबंध निर्वनीकरण यानी जंगलों के कटने से है जो कि धरती के गरम होने का एक प्रमुख कारण है.
अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी सप्लाई चेन्स में सस्टेनेबिलिटी का विश्लेषण करने वाले नीदरलैंड्स स्थित एनजीओ प्रोफुंडो में वरिष्ठ वित्तीय शोधकर्ता वार्ड वामरडाम कहते हैं कि फॉरेस्ट रिस्क यानी वनों का जोखिम, जमीन पर कब्जे और मानवाधिकार हनन से भी जुड़ा है. ये मामले अक्सर जंगलों की कटान में उभर ही आते हैं. वो कहते हैं कि बैंक और दूसरे निवेशकों को वित्तीय मदद करते हुए जरूरी सावधानी बरतनी चाहिए लेकिन अधिकांश ऐसा नहीं करते.
वार्डमान कहते हैं, "ये सबसे बड़े मुद्दों में से है, तमाम वित्तीय संस्थान जो भी नीतियां बना रहे हैं वो स्वैच्छिक आधार पर ऐसा कर रहे हैं. जिसका मतलब न कोई स्टैंडर्ड है, न कोई रेगुलेशन और न ही इसकी कोई मॉनिटरिंग है."
इस बीच सुजानो, ईएसजी बॉन्ड्स के रूप में भी हरित फाइनेंस हासिल कर लेने में सक्षम रही है. 2016 में, उभरती अर्थव्यवस्था की शुरुआती कंपनियों में शामिल सुजानो, ग्रीन बॉन्ड जारी करने वाली पहली कंपनी बन गई. और 2020 से सस्टेनेबिलिटी से जुड़े बॉन्ड जारी करने लगी. ये बॉन्ड बाहरी फाइनेंसिंग को चुने हुए पर्यावरणीय और सामाजिक लक्ष्यों से जोड़ते हैं जैसे कि उत्सर्जन में कटौतियां, पानी के इस्तेमाल की तीव्रता और प्रबंधन में लैंगिक विभिन्नता.
सुजानो का कोई 39 फीसदी कर्ज हरित फाइनेंस से जुड़ा और ये रकम बढ़ती रहेगी.
'यूकेलिप्टस के आते ही सब कुछ बदल गया'
गुलानी से बच कर आए अफ्रीकियों के वंशजों की बिरादरी, वोल्टा मीउदा क्वीलोम्बो के प्रमुख सेलियो पिनहाइरो लियोकाडियो, इस बात से स्तब्ध हैं कि लुगदी की विशाल कंपनी इतना बड़ा हरित वित्त (ग्रीन फाइनेंस) जुटाने में आखिर कैसे कामयाब हो पाई. वो कहते हैं, "सुजानो ने पर्यावरणीय नस्लवाद फैलाया है. वो हमारे लोगों के इतिहास की, हमारे काले पुरखों की और जिस यातना को हम भुगत रहे हैं और अनुभव करते आए हैं, उन सबकी अनदेखी और उनका अपमान कर रही है."
ब्राजील में 3495 क्वीलोंबो समुदायों के पास ब्राजीली संविधान के तहत विशेषाधिकार हैं जिनमें उनकी पुरखों की जमीन पर मालिकाना हक भी शामिल है. लेकिन सिर्फ 206 के पास आधिकारिक भू स्वामित्व है, इस तरह वे जमीनी और इलाकाई विवादों में फंसे रहते हैं.
वोल्टा मीउदा इलाके की 6500 हेक्टेयर जमीन का करीब 90 फीसदी हिस्सा, बाहिया राज्य के सुदूर दक्षिण में स्थित है. वहां पर यूकेलिप्टस के पेड़ लगाए गए हैं जिन पर सुजानो का स्वामित्व है और वो उन्हें सप्लाई करती है. पेड़ लोगों के घरों के बीच में लगे हैं. लोगों का कहना है कि इन पेड़ों की वजह से भूजल स्तर में गिरावट आई है और एग्रोकैमिकलों से उनके पानी के स्रोत प्रदूषित हुए हैं.
पिनहाइरो लिओसाडियो कहते हैं, "ये समूचा इलाका, ये एक समय हर चीज में बहुत संपन्न था. यूकेलिप्टस के आते ही सब कुछ बदल गया. पानी के चश्मे (जलस्रोत) गायब होने लगे. हमने जंगल गंवा दिए."
ईएसजी रेटिंग्स क्या भरोसेमंद हैं?
निजी सेक्टर के वाणिज्यिक बैंकों के निवेशों पर नजर रखने वाले नीदरलैंड्स के संगठन बैंकट्रैक ने सुजानो को अपनी "संदिग्ध सौदों "वाले सेक्शन में सूचीबद्ध किया है. ये लाल सूची उन हानिकारक प्रोजेक्टों या कंपनियों की है जिन्हें बैंकों से वित्तीय मदद मिली है. एनजीओ के मुताबिक, पारंपरिक और स्थानीय समुदायों के साथ कि भू संघर्षों के अपने इतिहास की वजह से ही कंपनी का नाम उस सूची में दर्ज है.
ब्राजीली पत्रकार आंतेनोर फरेरा ने खबर दी कि पूर्वोत्तर राज्य मारानहाओ में सुजानो ने करीब 70 फीसदी प्लान्टेशन, जमीनों पर कब्जा करके हासिल की थी. ब्राजीली और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगटनों ने कंपनी के साथ जारी संघर्षों का विस्तार से ब्यौरा दिया है. लेकिन वो सूचना जरूरी नहीं कि कंपनी की ईएसजी रेटिंग में रिफलेक्ट नहीं होगी. फिलहाल, कई कंपनियों को इसी बात पर नंबर मिल गए कि क्या उनके पास मानवाधिकार नीति जैसी चीजें हैं, वे उनका पालन करते हैं या नहीं, इस पर नंबर नहीं मिले.
पर्यावरण और मानवाधिकार विशेषज्ञ और कोलम्बिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर योआने बाउर का कहना है, "ईएसजी की रेटिंग करने वालों के पास एक मिला हुआ स्कोर रहता है. वे ई, एस और जी को अलग अलग नहीं करते. अगर कंपनी पर्यावरणीय मापदंडों पर सस्टेनेबल दिखती है और सामाजिक मापदंडों पर नहीं तो ये दरअसल यथोचित मेहनत और मानवाधिकार के लिहाज से एक अस्पष्ट सी बात है."
पेनसियोनफोन्ड्स योग्र एन वेलिन के एक प्रवक्ता ने डीडब्लू को बताया कि सुजानो के खिलाफ, इस आलेख में शामिल आरोपों के अलावा जो आरोप हैं वे उनकी अंदरूनी स्क्रीनिग में भी उभर कर आए थे और वे "इन आरोपों को समझने के लिए, वे सीधे कंपनी के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहेंगे." उन्होने ये भी बताया कि ये राब्ता "अंततः भंडाफोड़ का रुख भी कर सकता है.
क्रेडिट एग्रीकोल और नॉर्वे के सरकारी पेंशन फंड ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. लेकिन उन्होंने अपनी "फॉरेस्ट्री और पाम ऑयल" नीति के अलावा उस दस्तावेज का भी संदर्भ दिया जिसमें ये उल्लेख है कि उनके पोर्टफोलियो में दर्ज कंपनियों से कैसे आशा की जाती है कि वे जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार जैसी "वैश्विक चुनतियों को मैनेज करें.
एक नयी निर्माणाधीन सड़क
इस बीच सुजो वोल्टा मीउदा और दूसरे अन्य क्वीलोम्बो से एक सड़क निकाल रही है. पिनहाइरो लियोसाडियो और दूसरे लोग कहते हैं कि उससे न सिर्फ उनका अपना देसी अटलांटिक वन तबाह हो जाएगा बल्कि पीढ़ियों से वे जिन पारंपरिक रास्तों और ठिकानों का इस्तेमाल करते आए थे, वे भी नष्ट हो जाएंगे.
कई साल से सुजानो के खिलाफ लड़ते आ रहे वोल्टा मीउदा और दूसरे अन्य क्विलोम्बो ने जनवरी में संघीय पब्लिक मिनिस्ट्री और स्थानीय सरकारी अभियोजक को एक खत लिखकर नयी सड़क के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की. पिनहाइरो लियोकाडियो कहते हैं, "वे हमें नजरअंदाज कर रहे हैं. हमसे मशविरा करने के हमारे अधिकार का हनन किया जा रहा है."
जब डीडब्ल्यू ने सुजानो से टिप्पणी देने को कहा, तो उसके जवाब में कंपनी ने कहा, "साथ मिलकर काम करना हमारे तरीके में शामिल है, और उसमें वोल्टा मीउदा क्विलोम्बो और कुर्वेलांडिया समुदाय के साथ मिलकर काम करना भी शामिल है."
लुगदी की विशाल कंपनी सुजानो का कहना है कि पिछले साल उसने 3700 से ज्याद संवादों में भाग लिया, हर दिन औसतन 10 से ज्यादा और "ऑपरेशन से जुड़े 86.6 फीसदी चिन्हित मुद्दों को एड्रेस किया, 92.6 फीसदी में प्रभावी समाधान निकाले गए."
'लोगों और पर्यावरण के लिए कभी अच्छा नहीं हो सकता मोनोकल्चर'
पिछले साल के आखिर में, विश्व बैंक की एक सहायक निजी संस्था अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) ने सुजानो को दक्षिणपूर्वी राज्य माटो ग्रोसो डु सुल में एक नयी लुगदी मिल परियोजना स्थापित करने के लिए 60 करोड़ डॉलर की मंजूरी दी.
ये दुनिया की सबसे बड़ी इकलौती यूकेलिप्टस पल्प प्रोडक्शन मिल होगी. ये फॉसिल ईंधन से मुक्त प्लांट बताया गया है. यहां सबसे कम कीमत वाला हार्डवुड पल्प तैयार किया जाएगा जिसका सुजानो के मुताबिक पर्यावरण पर न्यूनतम असर पड़ेगा.
एनवायरोमेंटल पेपर नेटवर्क से कारेन वेरमीर का कहना है कि प्रोजेक्ट से और ज्यादा सामाजिक टकराव बढ़ेगा, जबकि बड़े पैमाने पर तैयार यूकेलिप्टस के मोनोकल्चर प्लांटेशन "जैवविविधता की संपन्नता को कम करेंगे."
ये एनजीओ एक सस्टेनेबल कागज उद्योग के लिए काम करता है और उन 40 से ज्यादा पर्यावरणीय और नागरिक बिरादरी संगठनों में से एक हैं जिन्होंने आईएफसी को खत लिखकर प्रोजेक्ट को लोन की मंजूरी न देने का आग्रह किया था.
वेरमीर के मुताबिक, "ये हो ही नहीं सकता कि जिस स्तर का प्लांटेशन सुजानो ऑपरेट कर रही है, वैसा लार्ज स्केल मोनोकल्चर प्लांटेशन कभी भी लोगों और पर्यावरण के लिए अच्छा होगा, कभी नहीं."
रिपोर्टः सारा सैक्स, मॉरिसियो गोमेस एंजेलो