ताजा खबरें | महामारी विधेयक चर्चा दो रास

उन्होंने कहा कि भारत पूरी मजबूती से इससे लड़ रहा है और सरकार सूझबूझ से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि विगत महीनों में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले और उन्हें परेशान किए जाने की कई घटनाएं हुयीं।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक ऐसी घटनाओं को ही ध्यान में रखकर लाया गया है ताकि ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके जो अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार इस महामारी के खिलाफ जंग में शामिल हैं।

यह भी पढ़े | देश की खबरें | अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 3,631 हुए.

भाजपा सदस्य ने कहा कि इस विधेयक से वैसे लोग भी हतोत्साहित होंगे जो सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। इसमें जुर्माना लगाने का भी प्रावाधान किया गया है।

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि महामारी के नाम पर सरकार इस विधेयक के जरिए राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र को अपना काम करना चाहिए और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अपना काम करने देना चाहिए।

यह भी पढ़े | राजस्थान में परिवार के चार सदस्य घर में मृत पाए गए, पुलिस ने जताया आत्महत्या का शक.

उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए लाए गए इस विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि उनके राज्य में कई साल पहले ही इस तरह का विधेयक लाया गया था।

सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि महामारी कानून में करीब 125 साल बाद संशोधन किए जा रहे हैं लेकिन एक दूसरा अहम पक्ष भी है जिसे नजरअंदाज कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि कई लोगों ने महामारी को कमाई का जरिया बना लिया गया। पीपीई किट, वेंटीलेटर, थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर जैसे उपकरण बहुत ज्यादा कीमत में खरीदे गए और इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कार्रवाई का प्रावधान भी विधेयक में होना चाहिए

उन्होंने कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली दवाइयों की कालाबाजारी के खिलाफ भी दंडात्मक कार्रवाई किए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में एक दिन के इलाज पर एक एक लाख रूपए से भी ज्यादा का खर्च आता है। ऐसे में सरकार को फीस निर्धारित करना चाहिए।

यादव ने सुझाव दिया कि अगर किसी व्यक्ति की कोविड-19 से मौत हो जाती है और वह अपने परिवार में आजीविका अर्जित करने वाला एकमात्र सदस्य हो तो उस परिवार को आर्थिक मदद का प्रावधान किया जाना चाहिए।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)