नयी दिल्ली, 9 जनवरी : ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि यह सुनिश्चित करना पंचायती राज संस्थाओं का कर्तव्य है कि गांव लैंगिक आधार पर होने वाली हिंसा से मुक्त हों. एक कार्यशाला को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि लैंगिक आधार पर हिंसा को रोकने में ग्राम सभाओं की अहम भूमिका है.
लैंगिक आधार पर हिंसा से निपटने में पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका के विषय पर आयोजित कार्यशाला में सिंह ने कहा, ‘‘कई बार महिलाएं लैंगिक हिंसा के मामले में खुलकर बात नहीं करती हैं. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से हमने इस संबंध में काफी सफलता हासिल की है. लैंगिक आधार पर हिंसा के बारे में जागरूकता फैलाना पंचायती राज संस्थाओं का कर्तव्य है.’’
उन्होंने कहा कि भारत की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और देश में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में इस मुद्दे का समाधान करना महत्वपूर्ण है. सिंह ने कहा, ‘‘पंचायतों को इस मुद्दे के बारे में अधिक जागरूक बनाना आपका कर्तव्य है. पंचायती राज को इसे अपनी प्रणाली में इस तरह शामिल करना चाहिए कि ग्राम सभा लैंगिक आधार पर हिंसा को रोकने में बड़ी भूमिका निभा सके.’’ उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम सभाओं को महिलाओं और बच्चों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष बैठकें बुलानी चाहिए.
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