जरुरी जानकारी | मलेशिया के कमजोर रहने से पाम-पामोलीन तेल में गिरावट

नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर मलेशिया एक्सचेंज के कमजोर रहने से देश के थोक तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के दाम में गिरावट रही। अगली बिजाई के लिए किसानों के अपने माल निकालने के कारण सरसों तेल-तिलहन तथा आवक बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम में भी गिरावट रही।

दूसरी तरफ, शिकॉगो एक्सचेंज के कल रात मजबूत बंद होने के कारण सोयाबीन तेल के दाम में सुधार देखने को मिला। कपास नरमा के दाम मजबूत होने से बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार आया। पहले से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 10-12 प्रतिशत दाम नीचा होने के बीच सोयाबीन तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

शिकॉगो एक्सचेंज कल रात 2.25 प्रतिशत मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल यहां घट बढ़ चल रही है। दूसरी ओर मलेशिया एक्सचेंज दोपहर साढ़े तीन बजे गिरावट के साथ बंद हुआ। यहां शाम का कारोबार बंद है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज के टूटने की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली।

सूत्रों ने कहा कि अगले कुछेक दिनों में सरसों के नये फसल की बिजाई होने की संभावना है जिसे देखते हुए किसान अपना माल निकाल रहे हैं और इसके अलावा सहकारी संस्था नाफेड के पास भी सरसों की उपलब्धता है। इन वजहों से सरसों तेल-तिलहन में गिरावट है। दूसरी ओर मूंगफली की आवक बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन में भी गिरावट देखने को मिली।

उन्होंने कहा कि पहले जिस सीपीओ का दाम सोयाबीन तेल से 40-50 डॉलर प्रति टन अधिक था, वह अब सोयाबीन के मुकाबले लगभग 10 डॉलर प्रति टन घट गया है। मौजूदा समय में सीपीओ का दाम 1,140 डॉलर प्रति टन है जबकि सोयाबीन तेल का दाम 1,150 डॉलर प्रति टन है।

सूत्रों ने कहा कि कल रात शिकागो एक्सचेंज के 2.25 प्रतिशत मजबूत होने के कारण आज सोयाबीन तेल के दाम में सुधार आया। दूसरी ओर पहले से एमएसपी से 10-12 प्रतिशत कम दाम पर बिकने वाले सोयाबीन तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

किसान 10-12 प्रतिशत के कम दाम से और नीचे भाव पर बेचना नहीं चाहते। अक्टूबर में खाद्यतेलों का आयात भी कम हुआ है। 31 अक्टूबर तक 3.75 लाख् टन सोयाबीन तेल और 1.25 लाख टन सूरजमुखी तेल देश में आयेगा। सोयाबीन को संभालने के लिए इसके डी-आयल्ड केक (डीओसी) के निर्यात के लिए सरकार को किसानों को सब्सिडी देने की संभावना तलाशनी चाहिये ताकि किसान अपने घाटे को पूरा कर सकें। इन सब तथ्यों पर ध्यान देने की जरुरत है।

सूत्रों ने कहा कि इस बार किसानों को कपास नरमा के अच्छे दाम मिल रहे हैं। किसानों को राजस्थान में कपास नरमा का भाव 8,270 रुपये क्विंटल और हरियाणा में 8,135 रुपये क्विंटल का भाव मिल रहा है जिससे किसानों में खुशी है। पिछले वर्ष इसी कपास नरमा के भाव 6,000-6,500 रुपये क्विंटल मिल रहे थे।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 6,500-6,550 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,350-6,625 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,900 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,260-2,560 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,135-2,235 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,135-2,250 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,675 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,000 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,425 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,350 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,300 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,700-4,745 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,400-4,635 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

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