नयी दिल्ली, छह अगस्त उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से बृहस्पतिवार को कहा कि वह पालघर जिले में अप्रैल में दो साधुओं समेत तीन व्यक्तियों की पीट-पीटकर हत्या के मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच और इस संबंध में की गई कार्रवाई की स्थिति से उसे अवगत कराए।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति सुभाष रेड्डी की पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह संबंधित निचली अदालत के समक्ष दायर किए गए आरोप पत्र को उसके सामने पेश करे।
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उसने कहा कि वह अंतिम रिपोर्ट की समीक्षा करना चाहेगी।
केंद्र की ओर से पेश महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मामले में दायर किए गए आरोप पत्र 10,000 से भी अधिक पृष्ठों में है।
उन्होंने कहा कि इस बात पर अदालत को विचार करना है कि क्या इस मामले में कोई पुलिसकर्मी शामिल था या क्या कर्तव्य का पालन करने में कोई ऐसी लापरवाही हुई है, जिसके कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई को तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।
इस घटना में तीन लोग मारे गए थे।
यह घटना राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान 16 अप्रैल की रात की है, जब तीनों व्यक्ति मुंबई के कांदीवली से गुजरात के सूरत में एक अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे। तभी भीड़ ने गढ़चिंचले गांव के निकट उनकी कार को रोका एवं पुलिस की मौजूदगी में उन पर हमला किया और उन्हें मार डाला।
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