विदेश की खबरें | पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन पीडीएम ने राजनीतिक संकट के हल के लिए विपक्षी दल के साथ बातचीत शुरू की
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

इस्लामाबाद, 20 नवंबर सत्ता में आने के बाद पहली बार पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) गठबंधन की अगुवाई वाली संघीय सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के साथ राजनीतिक मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत शुरू की है, जिसमें एक नए सेना प्रमुख की नियुक्ति भी शामिल है। मीडिया में रविवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से मुलाकात की और राजनीतिक मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत की पेशकश की।

सूत्र ने कहा कि खान की पार्टी के सदस्य राष्ट्रपति ने डार से कहा कि उनका संदेश ‘पीटीआई’ नेतृत्व तक पहुंचा दिया जाएगा।

सूत्र ने कहा कि सरकार की पेशकश के जवाब में पीटीआई नेतृत्व ने भी इच्छा दिखाई और राष्ट्रपति को सरकार के साथ बातचीत के लिए अधिकृत किया।

अखबार ने बताया कि डार ने पिछले तीन दिनों में राष्ट्रपति के साथ दो बैठकें कीं।

अखबार की खबर में कहा गया, “पीटीआई जल्द आम चुनाव की तारीख की घोषणा चाहती है। अगर सरकार सहमत होती है, तो पीटीआई चुनावी ढांचे पर बातचीत के लिए संसद में फिर से शामिल होने को तैयार है।”

यह भी बताया गया है कि वित्त मंत्री और राष्ट्रपति के बीच बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि नए पाकिस्तानी सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो जाए।

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे।

कानून के तहत, राष्ट्रपति 25 दिनों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए सेना प्रमुख की नियुक्ति संबंधी दस्तावेज (समरी) को रोक सकता है।

सूत्रों ने हालांकि कहा कि सेना प्रमुख की नियुक्ति बेहद संवेदनशील मामला है और इस प्रक्रिया में देरी करना राष्ट्रीय हित में नहीं होगा।

पीटीआई के एक नेता ने ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ को बताया कि अगर सरकार तय प्रक्रिया का उल्लंघन कर सेना प्रमुख की नियुक्ति करती है तो राष्ट्रपति पुनर्विचार के लिए नियुक्ति संबंधी दस्तावेज रख सकते हैं।

उन्होंने हालांकि कहा कि पार्टी सेना प्रमुख के रूप में किसी जनरल की नियुक्ति पर विवाद नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “अब नए प्रमुख की नियुक्ति पीटीआई का मुद्दा नहीं है।”

हालांकि उन्होंने टिप्पणी की कि नए प्रमुख की नियुक्ति के संबंध में नागरिक और सैन्य नेतृत्व एकराय नहीं थे।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने यह भी बताया कि सेना प्रमुख (सीओएएस) की नियुक्ति के बारे में दस्तावेजी प्रक्रिया रक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किया जाना बाकी है।

एक सूत्र ने दावा किया कि ‘सार’ की प्रक्रिया अगले 36 घंटों में कभी भी शुरू की जा सकती है, लेकिन अगर इसमें और देरी हुई, तो सरकार संघीय कैबिनेट के माध्यम से नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को मंजूरी दे सकती है।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के एक नेता ने हालांकि मामले पर नागरिक और सैन्य नेतृत्व के बीच मतभेदों के बारे में खबर को खारिज कर दिया और कहा कि निर्णय पहले ही लिया जा चुका है और जल्द ही घोषणा की जाएगी।

इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पीडीएम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान से परामर्श किया।

उधर, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने चेतावनी दी है कि अगर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी हुई तो इसके लिए राष्ट्रपति को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

कानूनी जानकारों ने कहा कि सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर पहले से तय प्रक्रिया का पालन नहीं करने के आधार पर मामला सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों ने सुझाव दिया कि नए सेना प्रमुख के सामने राजनीतिक अस्थिरता और पीटीआई प्रमुख खान के सरकार विरोधी रुख के कारण बिगड़ती आर्थिक स्थिति जैसी कई चुनौतियां होंगी।

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