इस्लामाबाद, चार मई पाकिस्तान ने सोमवार को एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को तलब किया और उनके सामने गिलगित-बाल्टिस्तान में आम चुनाव कराने के उसके उच्चतम न्यायालय के फैसले पर भारत के एतराज को ‘बेबुनियाद और भ्रामक’ करार देते कर दिया।
उसके कुछ घंटों पहले, पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के गिलगित-बाल्टिस्तान में आम चुनाव कराने के आदेश के बाद, भारत ने पाकिस्तान द्वारा ‘‘अवैध और जबरन कब्जाए’’हुए क्षेत्रों की ‘‘स्थिति में बदलाव’’ करने की उसकी कोशिश को लेकर इस्लामाबाद के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई थी।
वहां के उच्चतम न्यायालय ने हाल के अपने आदेश में, क्षेत्र में आम चुनाव कराने के लिए सरकार को 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन करने की इजाजत दे दी है। 2018 का गिलगित बाल्टिस्तान आदेश प्रशासनिक बदलाव से संबंधित है, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को कई विषयों पर कानून बनाने के लिए अधिकृत किया गया है।
नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को आपत्ति पत्र जारी किया और तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
भारत ने कहा है कि गिलगित- बाल्टिस्तान सहित पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और पाकिस्तान को अपने अवैध कब्जे से इन क्षेत्रों को तुरंत मुक्त कर देना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं जो उसने ‘‘अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए ’’ हुए हैं।
इस्लामाबाद में पाक विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गिलगित- बाल्टिस्तान पर उसके शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ भारत के ‘बेबुनियाद एवं भ्रामक’ दावे को पाकिस्तान द्वारा खारिज करने से अवगत कराने के लिए वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को तलब किया गया था।
उसने कहा कि पाकिस्तान ने स्पष्ट रूप से बता दिया है कि ‘जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा होने के’ भारतीय बयान का कोई कानूनी आधार नहीं है।
उसने कहा,‘‘ जम्मू कश्मीर का पूरा क्षेत्र विवादित क्षेत्र है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी यह मान लिया है।’’
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