विदेश की खबरें | पाकिस्तान धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करना बंद करे : भारत ने यूएनएचआरसी में कहा

जेनेवा, 16 जून भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान को ‘‘वैश्विक आतंकवाद का केंद्र ’’ बताया और इस्लामाबाद से ‘अच्छा पड़ोसी’ बनने तथा अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न बंद करने को कहा है ।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 43 वें सत्र में भारत के जवाब देने के अधिकार के तहत विदेश मंत्रालय में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दयनीय स्थिति सर्वविदित है, जहां सुनियोजित तरीके से ईशनिंदा कानून का दुरुपयोग कर उनके जीवन को और बदहाल बनाया जा रहा है ।

यह भी पढ़े | लद्दाख बॉर्डर विवाद: चीन ने भारतीय सैनिकों पर सहमति का उल्लंघन करने का लगाया आरोप.

आर्यन ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान की बेतुके और अनर्गल टिप्पणियों को खारिज कर दिया ।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा देश, जिसने अपने अल्पसंख्यक समुदायों को दूसरे या तीसरे दर्जे का नागरिक बना दिया है, उसका दूसरे देश के अल्पसंख्यकों के लिए अचानक ही हमदर्दी जाग गयी है।’’

यह भी पढ़े | भारत की सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता से पाकिस्तान परेशान, चिंता व्यक्त कर कही ये बात.

उन्होंने उल्लेख किया कि पाकिस्तान को देश बनने के 60 साल बाद अल्पसंख्यक आयोग बनाने का खयाल आया । इस तथाकथित अल्पसंख्यक आयोग में भी अल्पसंख्यकों का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं है ।

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यकों के प्रति सहिष्णु होना चाहिए और हमारे प्रति मित्रतापूर्ण और सहयोगात्मक रवैया होना चाहिए ताकि दक्षिण-एशियाई क्षेत्र में शांति कायम हो। ’’

भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘‘इस देश (पाकिस्तान) को कोई भी यही सलाह देगा कि दूसरों के यहां झांकने के बजाए अपने यहां अल्पसंख्यकों से हो रहे भेदभाव को वह बंद करें। ’’

आर्यन ने कहा कि ‘‘जम्मू कश्मीर को लेकर भारत का फैसला हमारे संप्रभु अधिकार के तहत हुआ है और यह भारत का आंतरिक मामला है। जम्मू कश्मीर भारत का अखंड हिस्सा है। ’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)