इस्लामाबाद, छह अप्रैल पाकिस्तान का उच्चतम न्यायालय प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने और राष्ट्रपति द्वारा संसद भंग किए जाने के मामले पर बुधवार को आगे की सुनवाई करेगा।
नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी द्वारा रविवार को प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने के कुछ ही मिनटों बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इमरान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। सत्तारूढ़ गठबंधन से दो अहम सहयोगियों के हटने के बाद इमरान ने संसद के 342 सदस्यीय निचले सदन में बहुमत खो दिया था।
प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के सभी आदेशों व कार्यों पर अदालत विचार करेगी।
शीर्ष अदालत ने इस घटनाक्रम पर स्वत: संज्ञान लिया है और पांच सदस्यीय पीठ ने सोमवार व मंगलवार को मामले में सुनवाई की।
पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश बंदियाल कर रहे हैं और इसमें न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मोहम्मद अली मजहर, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखाइल शामिल हैं।
मामले में राष्ट्रपति अल्वी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सभी राजनीतिक दलों को प्रतिवादी बनाया गया है। नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष के फैसले को लेकर सरकार और विपक्ष के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं।
न्यायमूर्ति बंदियाल ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष संविधान के अनुच्छेद-5 का हवाला देते हैं, तब भी अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इमरान के पक्ष में फैसला आता है तो 90 दिन में चुनाव कराने होंगे। वहीं, अगर फैसला उपाध्यक्ष के खिलाफ आता है तो संसद की बैठक दोबारा बुलाई जाएगी और इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।
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