Pakistan General Election: पाकिस्तान में निर्वाचन आयोग ने आम चुनाव के लिए तैयारी की शुरू
(Photo Credit: Twitter)

Pakistan General Election: इस्लामाबाद, 20 जून पाकिस्तान में आम चुनाव कराने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है और इसके तहत निर्वाचन आयोग की इसके प्रमुख की अध्यक्षता में एक बैठक की गई. इस बैठक इस वर्ष बाद में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए अब तक की गई व्यवस्था की समीक्षा की गई. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के अधिकारियों द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा को सोमवार को जानकारी दी गई. पाकिस्तान का निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जिस पर देश में चुनाव आयोजित करने की जिम्मेदारी है. यह भी पढ़ें: 26/11 हमले के दोषी साजिद मीर को लेकर UN में चीन ने लगाया अडंगा, वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के भारत-अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक

पाकिस्तान की वर्तमान नेशनल असेंबली 12 अगस्त को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और पाकिस्तान के संविधान में निर्धारित 60 दिनों के भीतर नए आम चुनाव कराये जाने चाहिए.

रजा को आगामी आम चुनावों की तैयारियों और अब तक की गई व्यवस्थाओं के बारे में बताया गया, जिससे पता चलता है कि ईसीपी ने निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से चुनाव आयोजित करने के लिए कई प्रारंभिक उपाय किए हैं.

उन्हें बताया गया, ‘‘मतपत्र के लिए जरूरी चुनाव सामग्री और कागज खरीद लिए गए हैं और मतदान केंद्रों की सूची तैयार कर ली गई है.’’

ईसीपी ने चुनाव के लिए मतदाता सूची में मतदाताओं के पंजीकरण, नाम हटाने और सत्यापन की अंतिम तिथि के रूप में 13 जुलाई की घोषणा पहले ही कर दी है. ईसीपी ने मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए जागरूकता अभियान पहले से ही शुरू कर दिया है.

चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए भी चुनाव होंगे। पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा की विधानसभाओं को जनवरी में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख एवं पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने जल्दी चुनाव कराने के लिए भंग कर दिया था.

यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब गत नौ मई को अर्धसैनिक बलों द्वारा खान की गिरफ्तारी के पश्चात व्यापक हिंसा के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 100 से अधिक वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद वह अपने दल को एकजुट रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.

खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी इमारतों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था या उसमें आग लगा दी गई थी.

खान 140 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. ज्यादातर मामले आतंकवाद, जनता को हिंसा के लिए उकसाने, आगजनी, ईशनिंदा, हत्या के प्रयास, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से संबंधित हैं.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)