पद्म पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति पर नाबालिग के यौन उत्पीड़न का आरोप
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits PTI)

गुवाहाटी: पद्म पुरस्कार (Padma Award) से सम्मनित असम के एक व्यक्ति को गुवाहाटी उच्च न्यायालय (Gauhati High Court) ने नाबालिग बच्ची के यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है. इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इस जमानत से आरोपी को गिरफ्तारी से राहत मिल सकेगी. न्यायमूर्ति अरुण देव चौधरी (Arun Dev Choudhary) की अवकाश पीठ ने आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी. आरोपी ने अपनी अर्जी में कहा था कि उन्हें बदनाम करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है और शिकायतकर्ता के पास पीड़िता का कोई विशेष बयान नहीं है. Guwahati High Court: असम में कांग्रेस नेता के नेता प्रतिपक्ष की मान्यता रोकने पर रोक लगी

अदालत ने हालांकि, 28 दिसंबर के अपने आदेश में कहा कि यह मामला गंभीर प्रकृति का है क्योंकि इसमें पॉक्सो कानून के तहत हुआ अपराध भी शामिल है. अदालत ने पुलिस का सात जनवरी तक इस मामले की पुलिस डायरी पेश करने का भी निर्देश दिया है.

आरोपों के अनुसार, बाल कल्याण समिति, लखीमपुर ने आरोपी को दो बच्चियों को फॉस्टर घर मुहैया कराने को कहा था और उन्होंने दो बच्चियों को अपने और अपनी पत्नी के देख-रेख में रखने पर हामी भरी थी.

दोनों बच्चियां सितंबर 2020 से आरोपी के परिवार के साथ रह रही थीं. आरोपी के वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. बोरा के अनुसार, उनके मुव्वकिल और सीडब्ल्यूसी लखीमपुर के अध्यक्ष के बीच कुछ विवाद हो गया और आरोपी से दोनों बच्चियों को 28 अक्टूबर, 2021 से पहले आयोग के समक्ष पेश करने को कहा गया.

बच्चियों को 28 अक्टूबर को सीडब्ल्यूसी लाया गया और उस समय से दोनों आयोग की देख-रेख में हैं.

बच्चियां अपने फॉस्टर माता-पिता के घर नहीं जाना चाहती हैं, इस आधार पर आरोपी का फॉस्टर लाइसेंस 17 दिसंबर को रद्द कर दिया गया.

बोरा का तर्क है कि यह आरोप उनके मुवक्किल और सीडब्लूसी के अध्यक्ष के बीच टकराव का नतीजा है और उन्होंने इसी आधार पर याचिकाकर्ता की सामाजिक हैसियत के मद्देनजर अंतरिम संरक्षण देने का अनुरोध किया.

हालांकि, इस मामले में अतिरिक्त लोक अभियोजक एस जहां ने याचिकाकर्ता को अंतिरम जमानत का विरोध किया और कहा कि इस तरह के आरोपों में सामाजिक हैसियत पर विचार नहीं किया जाना चाहिए.

अदालत ने कुछ नई शर्तो के साथ आरोपी को अंतरिम जमानत दे दी. इनमें एक शर्त यह भी है कि आरोपी कथित पीड़ित से संपर्क नहीं करेगा. अदालत ने आरोपी को उत्तर लखीमपुर थाना प्रभारी द्वारा बुलाये जाने पर उनके समक्ष पेश होने का भी निर्देश दिया है.

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