सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच पिछले कई महीनों से युद्ध जारी है. इस महीने की शुरुआत में पश्चिम दारफुर प्रांत में अरदामाता को निशाना बनाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत दर्ज की गई. सैन्य प्रमुख जनरल अब्देल-फतह बुरहान और आरएसएफ के कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान डागालो के बीच जारी तनाव युद्ध में बदल गया. इसके बाद से ही अप्रैल के मध्य से सूडान में ऐसे हालात बने हुए हैं.
ये हिंसक घटनाएं 2019 में एक सैन्य विद्रोह के बाद निरंकुश शासक उमर अल-बशीर को सत्ता से बेदखल करने के बाद से हो रही हैं. अल-बशीर के तख्तापलट के 18 महीने बाद युद्ध का दौर शुरू हो गया. यह भी पढ़ें : Israel Hamas War: हमास के हमले में मरने वाले इजरायलियों की संख्या 1,400 से संशोधित कर 1,200 बताई गई
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने बताया कि दारफुर में कथित तौर पर 800 से अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग 8,000 लोग पड़ोसी देश चाड में चले गए हैं. हालांकि, एजेंसी का कहना है कि चाड में भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.