जरुरी जानकारी | व्यापार युद्ध की आशंका से बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स 1,414 अंक लुढ़का

मुंबई, 28 फरवरी चीन के उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की अमेरिका की घोषणा से शुक्रवार को दुनिया भर के बाजारों में बड़ी गिरावट देखी गई। इसके दबाव में घरेलू शेयर बाजार का मानक सूचकांक सेंसेक्स 1,414 और निफ्टी 420 अंक टूट गया।

विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी ने भी निवेशकों की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।

व्यापक बिकवाली के बीच बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 1,414.33 अंक यानी 1.90 प्रतिशत गिरकर 73,198.10 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,471.16 अंक गिरकर 73,141.27 पर आ गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी लगातार आठवें दिन गिरावट को जारी रखते हुए 420.35 अंक यानी 1.86 प्रतिशत फिसलकर 22,124.70 पर बंद हुआ।

इस भारी गिरावट से बीएसई सेंसेक्स पिछले साल 27 सितंबर को हासिल 85,978.25 के अपने रिकॉर्ड शिखर से अब तक 12,780.15 अंक यानी 14.86 प्रतिशत नीचे आ चुका है।

वहीं एनएसई निफ्टी 27 सितंबर, 2024 को 26,277.35 के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से अब तक कुल 4,152.65 अंक यानी 15.80 प्रतिशत टूट चुका है।

सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से टेक महिंद्रा में छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई जबकि इंडसइंड बैंक पांच प्रतिशत से अधिक नीचे रहा।

इनके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, इंफोसिस, टाटा मोटर्स, टाइटन, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, नेस्ले और मारुति भी प्रमुख रूप से पिछड़ने वाली कंपनियों में शामिल रहीं।

सेंसेक्स की कंपनियों में से अकेले एचडीएफसी बैंक ही बढ़त के साथ बंद हुआ।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "कमजोर वैश्विक संकेतों से प्रभावित बिकवाली की धारणा के बीच घरेलू बाजार में भारी गिरावट देखी गई। यह गिरावट मुख्य रूप से कनाडा और मेक्सिको से अमेरिकी आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की चिंता से हुई। इसके साथ ही चीनी वस्तुओं पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी लगाया जाएगा।"

नायर ने कहा कि अब अमेरिका द्वारा यूरोपीय संघ से आयात पर भी शुल्क लगाए जाने की आशंका ने बाजार की घबराहट को और बढ़ा दिया है। ऐसे में निवेशकों की नजर भारत की जीडीपी वृद्धि के तिमाही आंकड़ों पर टिक गई है।

बाजार में चौतरफा बिकवाली इस कदर हावी रही कि छोटी कंपनियों के स्मालकैप सूचकांक में 2.33 प्रतिशत जबकि मझोली कंपनियों के मिडकैप सूचकांक में 2.16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

बीएसई के सभी क्षेत्रों के सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। प्रौद्योगिकी खंड में सर्वाधिक 4.20 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि आईटी खंड में 4.13 प्रतिशत और दूरसंचार खंड में 4.09 प्रतिशत का नुकसान रहा।

इस कारोबारी सप्ताह में सेंसेक्स को कुल 2,112.96 अंक यानी 2.80 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा है जबकि निफ्टी में 671.2 अंक यानी 2.94 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

स्टॉक्सबॉक्स में वरिष्ठ तकनीनी विश्लेषक अमेय रणदिवे ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क लगाने के आदेश से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंका जोर पकड़ने लगी है। इसके अलावा अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आ रही नरमी भी निवेशकों की चिंताएं बढ़ाने का काम कर रही है।"

रणदिवे ने कहा, "फरवरी का समापन भारी गिरावट से होने के साथ ही निफ्टी-50 लगातार पांचवें महीने नुकसान के साथ बंद हुआ। यह निफ्टी में लगातार मासिक गिरावट का करीब तीन दशकों का सबसे लंबा दौर है।"

अकेले फरवरी महीने में ही निफ्टी 1,383.7 अंक यानी 5.88 प्रतिशत गिर गया जबकि इस महीने सेंसेक्स ने 4,302.47 अंक यानी 5.55 प्रतिशत की गिरावट आई है।

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग भारी गिरावट के साथ बंद हुए।

यूरोप के अधिकांश बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। बृहस्पतिवार को अमेरिकी बाजारों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई थी।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 556.56 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.69 प्रतिशत गिरकर 73.53 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 10.31 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 74,612.43 और निफ्टी 2.50 अंक गिरकर 22,545.05 पर बंद हुआ था।

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