मुंबई, पांच सितंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व प्रमुख के हालिया भाषण से पैदा हो रही बाहरी नकारात्मक चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए हमारी बैंकिंग प्रणाली पूरी तरह सक्षम है।
दास ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक और सरकार ने घरेलू बैंकिंग प्रणाली को सेहतमंद रखने के लिए विदेशी मुद्रा के उच्चस्तर को बनाए रखने जैसे कई कदम उठाए हैं। बैंकिंग प्रणाली को किसी भी बाहरी प्रतिकूल परिस्थितियों के निपटने के लिए खड़ा रहने के लायक बनाने की कोशिश की गई है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल ने पिछले हफ्ते जैक्सन होल सम्मेलन में सख्त रवैया अपनाने के स्पष्ट संकेत दिए थे। दास ने कहा कि उस सम्मेलन के बाद दुनियाभर के बाजारों में बहुत ज्यादा उठापटक देखी जा रही है और उभरते बाजारों में अनिश्चितता आई है।
हालांकि, दास ने कहा कि अपनी बैंकिंग प्रणाली को सशक्त करने के लिए उठाए गए प्रयासों से भारत इन बाहरी झटकों का मजबूती से सामना करने की स्थिति में है।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अच्छे दिन आने का अनुमान जताते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से कीमतों में नरमी आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि चौथी तिमाही से कीमतों में गिरावट अधिक तेज हो सकती है।
रुपये की गिरती सेहत के संदर्भ में गवर्नर ने कहा कि रुपये को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए आरबीआई लगातार मौजूद है ताकि इसे एक अपेक्षित स्तर पर बनाए रखा जाए।
दास ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में सिर्फ 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि दुनिया की अन्य मुद्राओं में कहीं अधिक गिरावट दर्ज की गई है।
मौद्रिक नीति के संदर्भ में दास ने कहा कि यह नीति सजगता भरी और सोची-समझी होगी। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की इस महीने के अंत में मौद्रिक समीक्षा बैठक होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई और सरकार सॉवरेन हरित बॉन्ड जारी करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
प्रेम
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