कटक, 26 नवंबर उड़ीसा उच्च न्यायालय ने राज्य में हाथियों की मौत के बढ़ते मामलों पर मंगलवार को गहरी चिंता जताई और उनकी सुरक्षा के लिए तत्काल प्रभावी उपाय करने की आवश्यकता पर बल दिया।
एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश सीएस सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) को हाथियों की मौत के मामलों में कमी लाने के लिए 10 दिनों के भीतर एक व्यापक कार्य योजना पेश करने का निर्देश दिया।
पीसीसीएफ ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि ओडिशा में 2020 के बाद बिजली का झटका लगने के कारण 85 हाथियों की मौत हुई है और संबलपुर नकटी देउला रेंज में हाल ही में तीन ऐसी मौतें होने की सूचना मिली है।
अदालत ने पीसीसीएफ को आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बिजली वितरण कंपनी के परामर्श से एक अलग कार्य योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान, संयुक्त कार्य बल (जेटीएफ) ने उच्च न्यायालय को बताया कि पिछले दो महीने में मानव-हाथी संघर्ष में 18 हाथियों और 20 लोगों की मौत हो चुकी है।
जेटीएफ ने मानव-हाथी संघर्ष के पीड़ितों के लिए मुआवजा बढ़ाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उसने घटना के 40 दिनों के भीतर पीड़ितों को चार लाख रुपये के बजाय छह लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रस्ताव किया।
हाथी गलियारों के मुद्दे पर उच्च न्यायालय को बताया गया कि 14 गलियारों की पहचान की गई है, जिनमें से चार को अधिसूचित किया गया है।
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