भुवनेश्वर, 25 दिसंबर : ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और बीजू जनता दल (बीजद) प्रमुख नवीन पटनायक ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. ओडिशा सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने एक संदेश में वाजपेयी को ‘विकास पुरुष’ करार दिया और कहा कि उनके नेतृत्व में राज्य ने नयी ऊंचाइयों को छुआ. विभाग ने पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुए कुछ प्रमुख विकास कार्यों का जिक्र किया, जिनमें भुवनेश्वर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और पारादीप में एक तेल रिफाइनरी की स्थापना के साथ ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीओआर) डिवीजन का निर्माण शामिल है, जिसका मुख्यालय भुवनेश्वर में है.
संदेश में कहा गया है कि स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के तहत ओडिशा में 400 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 18,000 किलोमीटर सड़कें बनाया जाना वाजपेयी के ‘विकास पुरुष’ होने का प्रमाण है. इसमें कहा गया है कि सुशासन दिवस के मौके पर ओडिशा के लोग प्रशासनिक उत्कृष्टता के वास्तुकार अटल बिहारी वाजपेयी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. मुख्यमंत्री माझी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की और सुशासन दिवस के अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल सहित ओडिशा के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी. यह भी पढ़ें :जम्मू-कश्मीर: रोपवे परियोजना के खिलाफ पटरा में 72 घंटे का बंद शुरू
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि. अटल जी एक प्रतिष्ठित नेता, उत्कृष्ट सांसद, प्रसिद्ध कवि और शानदार वक्ता थे. राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान प्रेरणा देता रहेगा.” वहीं, एम्स भुवनेश्वर ने सुशासन दिवस मनाया, जिस दौरान संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने परिसर में स्थापित वाजपेयी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक आशुतोष बिस्वास ने संस्थान के विकास में वाजपेयी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उनके प्रति गहरा सम्मान व्यक्त किया. अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 जुलाई 2003 को एम्स भुवनेश्वर की आधारशिला रखी थी. यह एम्स दिल्ली के बाद देश में स्थापित दूसरा एम्स था.